जिंदगी के पथ पर तुम
क्यों छोड़ गये मुझे अकेला
तुम्हारे बिना ये जिंदगी की
राहें हैं सूनी, क्यों तुम मुझे भूल गए
कैसे तुम मेरा प्यार भूल गए
तुम्हें मेरी कितनी फ्रिक थी
मगर तुमने एक बार मुड़कर भी न देखा मुझे
सारा रिश्ता- नाता पल में तोड़ गए
जीवनके हर सबंध छोड़ गये
दुनिया के जंजाल से मुंँह मोड़ गये
काश! मुझे भी साथ ले चलते, इस निष्ठुर
संसार से
अकेले रहना है बहुत मुश्किल
इस भरे संसार में, दुनिया के बाजार में
तुम्हारे बिना कैसे जियूँगी
ये बोझिल जिंदगी,
मुझे भी अपने साथ ले चलते
तो हम न फसते आज
तेरे यादों के मकड़जाल में ।
धन्यवाद🙏