shabd-logo

गाने

hindi articles, stories and books related to gaane


लोग कहते हैं तुम नाम क्यूँ नहीं लेते...!!!मैंने कहा छोड़ो यारों मैंने उन्हें छोड़ दिया इससे ज़्यादा और क्या इल्ज़ाम देते...!!!

featured image

सूना सूना लम्हा लम्हा मेरी राहें तन्हा तन्हा आकर मुझे तुम थाम लो मंजिल तेरी देखे रस्ता मुड़के जरा अब देख लो ऐसा मिलन फिर हो ना हो सब कुछ मेरा तुम ही तो हो बेपनाह प्यार है आज्या पूरे सोंग के लिरिक्स देखने के लिए नीचे क्लिक करें सूना सूना लम्हा लम्हा

सीता स्वंयवर पर .....कैसे मैं पहचानू उन्हें.कैसे मैं जानूं के वो बनें हैै वो मेरे लिए.होगी सैकड़ों की भीड़ वहां.तेजस्वी और वैभवशाली तो होंगेवहां कई और भी.लेकिन सुना है मैंनें शिव का धनुषउठा सकेंगे कुछ ऐसे प्र

भेजा था विष का प्याला अमृत बन गया। भेजा था विषैला सांपफूलों का हार बन गया। तेरी ही करामात है ये मोहनकि कलियुग में भी जी रही हूं। बिना डरे तेरी भक्ति के गीतगा रही हूं। शिल्पा रोंघे

featured image

कहीं कांप रही धरती. कहीं बेमौसम बारिश से बह रही धरती. कहीं ठंड के मौसम में बुखार से तप रही धरती. कभी जल से, तो कभी वायु प्रदूषण से ज़हरीली हो रही प्रकृति. विकास के नाम पर विनाश का दर्द झेलती प्रकृति अपनी ही संतति से अवहेलना प्

featured image

इतिहास भले ही गुजरा हुआ वक्त होता है इसका मतलब नहीं हैकि इसके बारे में जानकारी होना हमारे लिए उपयोगी नहीं होता है, ये हमारे देश की धरोहर होता है, मानवसभ्यता के विकास और इतिहास से मिले सबक ही सुनहरे भविष्य को गढ़ने में मदद करतेहै। आज अपने इस

नशा "नाश" का दूसरा नाम है.ये नाश करता है बुद्धि का.ये नाश करता है धन का.ये नाश करता है संबंधों का.ये नाश करता है नैतिक मूल्यों का.नाश नहीं निर्माण की तरफ बढ़ोयुवाओं तुम नशामुक्त समाज बनानेका संकल्प लो.शिल्पा रोंघे

featured image

हुई सभा एक दिन गुड्डे गुड़ियों की.गुड़िया बोली,मैं सुंदरता की पुड़ियामुझसे ना कोई बढ़िया.इतने में आया गुड्डापहन के लाल चोला,कितनों का घमंड है मैंने तोड़ा.बीच में उचका काठी का घोड़ाअरे चुप हो जाओ तुम थोड़ा.मैंने ही हवा का रुख़ है मोड़ा.लट्टू घूमा, कुछ झूमा.बोला लड़ों

featured image

इक अश्व है निकला सागर किनारेपंख लगा के नभ में उड़ता जाए.हरा हरा सा है रुप हरियाली काकुहरा सा छाया है मतवाला सा.पीठ पे बिठा के परियों को स्वर्ग से आया धरती के दर्शन कराने को.अब तक था कहानियों में सिमटामोतियों से लिपटा,सुंदर बच्चों को लगता.सो

featured image

सर्द धूप के साथ हो चुकी है शुरू स्वेटरों की बुनाई.और रज़ाईयों की सिलाई.हो चुका है ठंड से बाज़ार गर्म अब.अदरक की खुशबू से महकने लगी है चाय की दुकाने कुछ ज्यादा ही.हो चुका है ठंड से बाज़ार गर्म अब.गज़क और तिल के लड्डूओंसे सजने लगी है दुकानें

featured image

कुछ गीत न केवल देखने वरन सुनने में भी मजेदार होते हैं जो आप को गुदगुदा करगुनगुनाने और सराहने पर मजबूर कर जाते हैं | ऐसे ही गीतों में से एक है सन 1968  में रिलीज़ सुनील दत्त, सायरा बानो,महमूद और किशोर कुमार अभिनीत बेहद सफल एवं मजेदार फिल्म “पड़ोसन” का मजेदार गीत “एकचतुर नार”| मन्ना दा, किशोर कुमार और म

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए