भेजा था विष का प्याला
अमृत बन गया।
भेजा था विषैला सांप
फूलों का हार बन गया।
तेरी ही करामात है ये मोहन
कि कलियुग में भी जी रही हूं।
बिना डरे तेरी भक्ति के गीत
गा रही हूं।
शिल्पा रोंघे
8 दिसम्बर 2019
भेजा था विष का प्याला
अमृत बन गया।
भेजा था विषैला सांप
फूलों का हार बन गया।
तेरी ही करामात है ये मोहन
कि कलियुग में भी जी रही हूं।
बिना डरे तेरी भक्ति के गीत
गा रही हूं।
शिल्पा रोंघे
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पत्रकार, लेखक, ब्लॉगर, कवि,
विभिन्न न्यूज चैनल में सबएडिटर के तौर पर काम करने का अनुभव और वेबमीडिया में फीचर लेखक के तौर काम किया है । फ्रीलांस लेखक के तौर पर कार्यरत । विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है । मास्टर्स इन जर्नलिज़्म ( एमसीआरपीवी )
पत्रकार, लेखक, ब्लॉगर, कवि,
विभिन्न न्यूज चैनल में सबएडिटर के तौर पर काम करने का अनुभव और वेबमीडिया में फीचर लेखक के तौर काम किया है । फ्रीलांस लेखक के तौर पर कार्यरत । विभिन्न समाचार पत्र और पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन हुआ है । मास्टर्स इन जर्नलिज़्म ( एमसीआरपीवी )