ग़ज़ल साहिल ग़ज़लों का एक अनोखा संग्रह है । हम आपके भावो हा स्वागत करते है । यह कवि की निजी सम्पति है अतः आनन्द उठायें । हस्तक्षेप न करें । धन्यवाद
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।ग़ज़ल।आजमाते जा रहे सब।जिंदगी में दोस्ती के गीत गाते जा रहे सब । पर दोस्तों की कदर ही अब भुलाते जा रहे सब ।। बढ़ रही तादाद अपने दोस्तों की हर पहर । पर न जाने ठोकरों से जख़्म पाते जा रहे सब ।। मर्ज की लेते दवा पर मर्ज अब बढ़ने लगा है ।दर्द है ,तन्हाइयां पर मुस्कुराते जा रहे सब ।। है यहाँ सब गम से बोझिल