26 मई 2022
जब मैं था तब गुरु नहीं, अब गुरु है मैं नाहिं। प्रेम गली अति सांकरी, तामें दो न समांही।। अर्थ :- जब अहंकार रूपी मैं मेरे अन्दर समाया हुआ था तब मुझे गुरु नहीं मिले थे, अब गुरु मिल गये और उनका प्रेम