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एक भूतिया हवेली

hindi articles, stories and books related to ek bhuutiyaa hvelii


भूतिया हवेली की शान निराली,हर कोने में गूंजती कहानी ख़ाली।दरवाजे खड़खड़ाते, दीवारें हिलती,छाया सी धुंधली, चुपचाप चलती।वहां के कमरों में सन्नाटा गहरा,हवा में गूंजे सिसकियाँ ठहरा।जाले लटकते, दरारें पुरा

अहमदाबाद से जामनगर कार से 6 घंटे का सफर है । सुधीर को घर से निकले 2घंटे हो चुके थे । घर से 12 बजे निकला था कि 7 बजे तक पहुंच ही जायेगा । हल्की सी बूंदाबांदी बिन मौसम की बरसात शुरू हो गयी थी उसे पूरा व

 रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,

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