भूतिया हवेली ऐसी पुरानी इमारत होती है, जिसे लोग भूत-प्रेत या आत्माओं का ठिकाना मानते हैं। ये आमतौर पर खाली या खंडहर में तब्दील हो जाती हैं, और इनके बारे में कई किस्से और रहस्य जुड़े होते हैं। लोग अक्सर वहां अजीब आवाजें, साए या अन्य अलौकिक घटनाओं का अनुभव करने की बात करते हैं। कुछ कहानियों में, ये हवेलियां किसी अनसुलझी घटना या आत्मा की वजह से प्रेतात्मा के अधीन होती हैं, जो वहां की घटनाओं के कारण बंधी रहती है। इन जगहों पर जाने का साहस कुछ लोगों को होता है, जबकि दूसरों में डर या आशंका रहती है। अक्सर भूतिया हवेलियों की कहानियां सांस्कृतिक और सामाजिक मान्यताओं से भी जुड़ी होती हैं।
भूतिया हवेली की शान निराली,हर कोने में गूंजती कहानी ख़ाली।दरवाजे खड़खड़ाते, दीवारें हिलती,छाया सी धुंधली, चुपचाप चलती।वहां के कमरों में सन्नाटा गहरा,हवा में गूंजे सिसकियाँ ठहरा।जाले लटकते, दरारें पुरा
अहमदाबाद से जामनगर कार से 6 घंटे का सफर है । सुधीर को घर से निकले 2घंटे हो चुके थे । घर से 12 बजे निकला था कि 7 बजे तक पहुंच ही जायेगा । हल्की सी बूंदाबांदी बिन मौसम की बरसात शुरू हो गयी थी उसे पूरा व
रोशन अपने ऑफिस में लैपटॉप पर कम्पनी को मेल कर रहा था तब तक मोबाईल पर रिंग टोन बजी उसने स्पीकर खोला तो सामने गाँव के चाचा जी का फोन था। चाचाजी ने बताया कि उसके पिताजी का स्वास्थ्य ज्यादा खराब है,