( मेरा बच्चा मुझसे बड़ा हो गया है--गज़ल )
सूर्य ही ,आसमां का ख़ुदा हो गया है,
अब मेरा बच्चा मुझसे बडा हो गया है ।
कल उजालों के सम्मान में गाने गाये,
आज मुझसे अंधेरा ख़फ़ा हो गया है।
क़ैद होने लगे रिश्ते अल्मारियों में,
रुपिया, इंसान का असलहा हो गया है।
क़िस्से जब से शहीदों के लिखने लगा हूं,
दिल में जांबाज़ों सा हौसला हो गया है।
चांदनी ,चांद को छोड़ कर जा चुकी है,
रात का हुस्न भी ग़मज़दा हो गया है।
( डॉ संजय दानी )