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गुड़ के हैं कई गुण

14 जनवरी 2016

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सर्दियों की शुरुआत हो चुकी है इसलिए सर्दी-ज़ुकाम से भी दो-चार होना होगा I इस मौसम में गुड़ का सेवन किसी औषधि से कम नहीं होता I कितने ही लोग भोजन करने के बाद थोड़ा सा गुड़ ज़रूर खाते हैं I दरअसल, गुड़  भोजन को पचाने में बहुत मदद करता है I बच्चे और नवयुवक मंहगी टॉफियों और चॉकलेट छोड़कर तो गुड़ खाने से रहे I फिर भी, गुड़ के फायदे जानने के बाद इसका सेवन कोई भी करना चाहेगा I

गुड़ शरीर का रक्त साफ करता है और मेटाबॉलिज्म ठीक करता है। रोज़ एक गिलास पानी‌ या दूध के साथ गुड़ का सेवन पेट को ठंडक देता है और पाचन ठीक रखता है। यह  आयरन का बहुत बढ़िया स्रोत है इसलिए यह अनीमिया के मरीजों के लिए बहुत ही फायदेमंद  होता है। गुड़ रक्त से टॉक्सिन भी दूर करता है जिससे त्वचा दमकती है और मुहांसे की समस्या नहीं होती है।

गुड़ की तासीर गर्म होती है इसलिए इसका सेवन जुकाम और कफ़ में आराम दिलाता है। यदि किसी को गुड़ खाना अच्छा न लगता हो तो जुकाम के दौरान चाय या लड्डू में भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं I बहुत अधिक थकान या कमजोरी महसूस करने पर गुड़ का सेवन तुरंत ऊर्जा देता है। सुपाच्य होने के कारण इसका सेवन ब्लड में शुगर का स्तर भी तुरंत नहीं  बढ़ने देता है I

गुड़ शरीर के ताप पर नियंत्रण करता है और इसमें एंटी एलर्जिक तत्व होते हैं इसलिए दमा के मरीजों के लिए इसका सेवन काफी फायदेमंद होता है। इसी प्रकार रोज गुण का एक टुकड़े अदरक के साथ सेवन, सर्दियों में जोड़ों के दर्द से दूर रखता है।

गुड़, खासतौर पर महिलाओं के तमाम रोगों के उपचार के लिए रामबाण साबित होता है। यह पाचन ठीक रखता है और विभिन्न प्रकार के दर्द को दूर करने में सहायक होता है I

देव राज सिंह

देव राज सिंह

सर्दियों वाली गुड़ की अदरक वाली चाय याद आ गई I

21 जनवरी 2016

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तेरे जाने के बाद तेरी याद आयी...नादिरा

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यूँ तो अक्सर किसी के जाने के बाद ही उसकी याद आती है लेकिन दुनिया में कितने ही सितारे हमारे दिलों की ज़मीं’ पर हरदम जगमगाते रहते हैं । हिन्दी फ़िल्मों की ख़ूबसूरत और मशहूर अभिनेत्रियों में से एक ऐसी ही अदाकारा थीं नादिरा । 5 फ़रवरी 1932 को इज़राइल में एक यहूदी परिवार में जन्मी थीं फ़रहत एज़ेकेल नादिरा जिन्

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कितने ही गीत हमारे मनमीत होते हैं ! कितनी ही बार हमारे मन में एक नयी उमंग, एक नयी तरंग जगाते हैं, जैसे थाम के उंगली हौले से हमें लिए जाते हैं, न जाने कौन से उजालों की ओर ! एक ऐसा ही गीत है फिल्म 'गाइड' का जिसके बोल हैं....'आज फिर जीने की तमन्ना है' I ऐसे नग्मात सुनकर ऐसा लगता है मानो ये उम्र और समय

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बंद आँखों से वो मंज़र देखूँ

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स्तंभेश्वर मन्दिर

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शिव सहस्रनामावलि

27 फरवरी 2016
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आदि एवं अंत से रहित, सर्वेश्वर शिव देवाधिदेव हैं। मानव मात्र ही नहीं वरन देव, दानव, पशु-पक्षी, यहाँ तक की ईश्वर भी संकट के समय में शिव की ही शरण ग्रहण करते हैं। स्वयं पालनकर्ता श्री नारायण विष्णु भगवान ने शिव जी की सहस्रनामों से स्तुति कर उन्हे प्रसन्न किया था तथा अपना सुदर्शन चक्र पुन: प्राप्त किया

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बृहदेश्वर मन्दिर

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भोजेश्वर मंदिर

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बैजनाथ में शिव भगवान का प्रसिद्ध मंदिर है जो कि हिमाचल प्रदेश के काँगड़ा(पालमपुर) ज़िले में सुन्दर पहाड़ियों में स्थित है ,और पालमपुर का धार्मिक पर्यटन स्थल है। बैजनाथ मंदिर पालमपुर का एक प्रमुख स्थान है और यह शहर से 16 कि.मी. की दूरी पर है l ‘बैजनाथ शिव मंदिर’ भगवान शिव को समर्पित है। यहाँ पर लोग दू

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नए कमरों में अब चीज़ें पुरानी कौन रखता है परिन्दों के लिए शहरों में पानी कौन रखता है -मुनव्वर राना

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आज विश्व भर में ' विश्व पृथ्वी दिवस ' मनाया जा रहा है I इस साल के पृथ्वी दिवस की थीम् है ' ट्री फॉर द अर्थ' यानि पृथ्वी के लिए पेड़ I आइए, आज के दिन कम से कम एक पेड़ लगाकर यह दिवस मनाएँ !  

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बुंदेलखंड के एक गांव में  उस समय खुशी का ठिकाना नहीं रहा, जब एक बेकार पड़े   बोरवेल से अचानक पानी निकल आया। बूंद-बूंद पानी के लिए तरस रहे लोगों ने खूब पानी भरा। पानी के लिए

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