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हेल्पलाइन नंबर के जरिए लीजिए निशुल्क कानूनी सलाह

24 अगस्त 2015

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featured imageजरुरतमंदों की विधिक सहायता के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आगे आया है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए आप कहीं से भी निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बस आपको अपने मोबाइल या लैंडलाइन फोन नंबर से टोल फ्री नंबर '18004190234' तथा '15100' पर कॉल करनी होगी। लोगों को निशुल्क विधिक सेवाएं मुहैया कराने को राष्ट्र स्तर से लेकर जिला स्तर तक विधिक सेवा प्राधिकरणों को गठन किया गया है। शहर से लेकर ग्रामीण स्तर तक विधिक साक्षरता कार्यक्रमों के साथ-साथ जरुरतमंदों को विधिक सहायता भी उपलब्ध करायी जाती है। लेकिन अब राज्य एवं राष्ट्र स्तर पर टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। राज्य स्तर पर टोल फ्री नंबर '18004190234' तथा राष्ट्रीय स्तर पर '15100' जारी किया गया है। इन खास नंबरों पर कॉल करके विधिक सहायता प्राप्त की जा सकती है। लिहाजा ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसकी जानकारी हो इसके लिए जिलाधिकारी वेद प्रकाश ने इन टोल फ्री नंबरों को सार्वजनिक स्थल, मेले, साक्षरता शिविर, लोक अदालत, गोष्ठियों सूचना पटलों आदि के साथ-साथ अन्य सहजदृश्य स्थल, जनपद के मुख्य कार्यालय, बस/रेलवे स्टेशन, तहसीलों, दीवारों अथवा विज्ञापन बोर्डो पर अंकित कराये जाने के निर्देश जारी किए हैं। (जरुरी कानूनी सलाह) गैरकानूनी काम करने पर कानून की जानकारी नहीं होने का बहाना नहीं बनाएं। अगर आपकी गलती से किसी को नुकसान होता है तो आप ये नहीं कह सकते हैं कि गैरइरादतन ऐसा हो गया। जैसे लापरवाही से गाड़ी चलाना । अगर आपको कोई काम गैरकानूनी लगता है तो कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश ना करें । केवल आत्मरक्षा में आवश्यक बचाव करें। किसी सरकारी कर्मचारी या अदालत के कानूनी आदेश/निर्देश/बुलावे(समन) को नहीं मानना या गलत जानकारी देना अपराध है। किसी अधिकारी या कर्मचारी से काम करवाने के लिए उसे उपहार या पैसा देना अपराध है। किसी दस्तावेज में कोई बदलाव ना करें या गलती ठीक करने की कोशिश नहीं करें । ऐसा करना अपराध माना जायेगा। (इन कामों में सावधानी बरतें) सिविलियन थल सेना , नौसेना और वायुसेना की ड्रेस ना पहनें और तमगे ना लगाएं। राष्ट्रीय ध्वज को सही तरीके से फहराएं औऱ रखें। ध्वज का अपमान ना करें। सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान या नशा ना करें । महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार ना करें । झूठी धारणाएं और अफवाहें ना फैलाएं। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान ना पहुंचाएं। (जरुरी बातों का ध्यान रखें) देश के कानूनों , राष्ट्रीय प्रतीकों, सार्वजनिक संस्थानों , संविधान और दूसरों की गरिमा का ध्यान रखें किसी भी अधिकारी या कर्मचारी से गैरकानूनी सुविधाओं की मांग ना करें । किसी भी मामले में अदालत जाने से पहले सुलह-सफाई से सुलझाने की कोशिश करें। कानून और व्यवस्था बनाए रखने में अधिकारियों की मदद करें। जैसे-किसी अपराध के बारे में पुलिस को बताएं,कर्फ्यू का उल्लंघन ना करें। (सामान्य कानूनी प्रावधान) संविधान और कानून की नजर में सभी बराबर हैं और सभी को कानूनी संरक्षण पाने का अधिकार है । मूल अधिकारों का उल्लंघन होने पर आप सीधे उच्चन्यायालय या उच्चतम न्यायालय में जा सकते हैं । अपने जानमाल की रक्षा के लिए काम कर सकते हैं । ये अपराध नहीं माने जायेंगे । जैसे बाढ़ आने पर बस्ती को बचाने के लिए नहर को तोड़ देना, मरीज की जान बचाने के लिए उसका पैर काट देना। आत्मरक्षा के लिए हमलावर पर हमला कर सकते हैं , लेकिन एक सीमा तक ही ऐसा कर सकते हैं । -अमित -
dr faizan

dr faizan

माननीय उच्च न्यायालय द्वारा शिक्षक को दिनांक 16.12.15 को अपने पद पर काम करने का स्थगन आदेश दिया था.फिर अपराधिक प्रकरण दर्ज होने के बाद ज़िला शिक्षा अधिकारी द्वारा 21.12.15 की निलम्बित कर दिया....प्रश्न यह है कि,stay होने के बाद निलम्बित किया जा सकता है क्या? या स्टे होने के कारण माननीय न्यायालय से अनुमति लेकर उक्त स्थिति में निलम्बित किया जायेगा.एक प्रश्न यह भी है कि,इसी प्रकरण में निलम्बन आदेश में जिस नियम के तहत निलम्बन दर्शाया गया है वास्तविक रूप से उस नियम में निलम्बन का प्रावधान ही नही है....उक्त शिक्षक को एक साल तक आरोप पत्र भी नही दिया गया है आज दिनांक 10.09.17 तक.इसी प्रकरण में अपराधिक प्रकरण दर्ज होने और निरुद्ध किये जाने के पश्चात निलम्बित किया गया है,जब्कि चालान निलम्बन के बाद प्रस्तुत किया गया है.....उक्त प्रकरण मध्य प्रदेश के शिक्षक का है जो प्रतिनियुक्ति पर जनपद शिक्षा केंद्र में कार्यरत था.कृपया उचित मार्गदर्शन देने की कृपा करें.....

9 सितम्बर 2017

Sakshi Pathak

Sakshi Pathak

Respected Sir, It is to bring in your kind notice that I had been working in a CBSE Private School as a primary teacher since 03/April/2016 and after fulfilling all the duties of mine (according to the terms and conditions of the school), my last day of work there was 31/March/2017 I submitted my resignation to the principal on 27/Feb/2017, a month before leaving. I got my dues clear on 14/Apr/17 but haven't got an experience certificate from the management! 'Come later' they say, whenever​ asked. Does the management have the authority to issue the experience certificate whenever they wish or is there any duration in which the experience certificate is supposed to be issued to the teacher? Kindly inform me. Thank you!

15 अप्रैल 2017

शैलेन्द्र गोस्वामी

शैलेन्द्र गोस्वामी

क्या मृतक आश्रित पर बडे बेटे का कोई कानूनी अधिकार है अगर माँ छोटे बेटे को नौकरी देना चाहे तो क्या छोटे बेटे को नौकरी मिल सकती है

17 जनवरी 2017

शैलेन्द्र गोस्वामी

शैलेन्द्र गोस्वामी

मेरे पिता सरकारी नौकरी पर देहांत हो गया था वह आगरा स न कॉलेज में में लिपिक के पद Par थे मेरी माँ नरम

17 जनवरी 2017

पूनम पांडेय

पूनम पांडेय

पुलिस महिला की हेल्प नहीं कर रही ह क्योकि वो आदमी शाहनवाज़ हुश्न जो बीजेपी के नेता ह उनका भाई शाहबाज़ हुश्न ह प्लस हेल्प करे पोलोस महिला को गलत साबित करना चाहती ह पॉलिसी उसे बचा रही ह

27 दिसम्बर 2016

27 अक्टूबर 2016

ashok singh

ashok singh

my railway job

25 अगस्त 2016

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अब सरकारी स्कूलों के दिन बहुरेंगे

19 अगस्त 2015
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सरकारी स्कूलों के दिन फिर से बहुरेंगे इसकी हक़ीक़त से हम आगामी शैक्षणिक सत्र से रूबरू होंगे जब माननीयों और उनके मातहत नौकरशाहों के बच्चे सरकारी स्कूलों में बिना भेद-भाव के शिक्षा प्राप्त करेंगे I यदि सरकारी स्कूलों में माननीयों व नौकरशाहों के बच्चे नहीं पढ़ते हैं तो माननीयों के मानदेय और नौकरशाहों के व

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हेल्पलाइन नंबर के जरिए लीजिए निशुल्क कानूनी सलाह

24 अगस्त 2015
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जरुरतमंदों की विधिक सहायता के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण आगे आया है। राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं। इन हेल्पलाइन नंबर के जरिए आप कहीं से भी निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। बस आपको अपने मोबाइल या लैंडलाइन फोन नंबर से टोल फ्री नंबर '18004190234' तथा '15100' प

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महिला सुरक्षा के क्षेत्र में सकारात्मक प्रयास: वूमन पावर लाइन १०९०

18 सितम्बर 2015
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उत्तर प्रदेश में महिला सुरक्षा की दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए वूमन पावर लाइन १०९० कॉल सेंटर शुरू कर दिया गया हैं। प्रदेश में महिला सुरक्षा की चिंताजनक हालत देखते हुए, मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने वूमन पावर लाइन १०९० कॉल सेंटर की शुरुवात की है। इस वूमन पावर लाइन १०९० के जरिये, महिलाएं इस नम्बर पर अ

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