मैं एक टैक्सी ड्राइवर हूं ,हम सदा राष्ट्र के विकास में हाथ बढ़ाते हैं
सरकारी कर्मचारी से लेकर अपने घर को चलाने के लिए पैसे कमाते हैं ..
अरब के शेख तक रोटी पहुंचाते है, क्योंकि हम तेल जलाते हैं
हम राष्ट्र की संपत्ति को नहीं जलाते
हम राष्ट्र चलाते हैं , हम हजारों का तेल जलाते हैं
राज्य को केंद्र को तेल का कुआं से लेकर
पेट्रोल पंप तक जुड़े हर इंसान को
नाली साफ करने वालों से लेकर ,
राष्ट्रपति तक
गणिकाए से लेकर महारानी तक
हम सबके काम आते हैं
क्योंकि हम टैक्सी चलाते हैं
कोई टैक्सी वाला पुकारता है .
कोई ... अबे ओए सुनता नहीं क्या ...
ऐसे आवाज लगाता है ..
जो जानता है , हमें नाम से
ड्राइवर सुभाष बुलाता
कोई फर्क नहीं पड़ता ,
क्योंकि .... उनके दिए हुए पैसे से मेरे घर में रोटी आता है
आंखों में छ्लक आते है आंसू , उस वक्त ....
जब कोई प्रेम से बुलाता है
कोई अंकल , कह कोई भैया , कोई चाचा , कोई बेटा , के बुलाता है
लाखों करोड़ों का टैक्स चोरी करने वाले
हमें ईमानदारी का नसीहत दे जाते हैं
बिना छल कपट के चलता नहीं जिनका घर
फिर भी वो खुद को साहूकार बताते हैं
हमें कोई फर्क नहीं पड़ता
हम उन्हें साहूकार मानने का नाटक रचाते हैं
वह 60000 का फ्लाइट का टिकट कटा कर फ्लाइट से आते हैं
₹ 60 पार्किंग के लिए टैक्सी वाले से लड़ जाते हैं
जब आती है कोरोना के जैसी महामारी
ना हम भीख मांग पाते हैं
ना गाड़ी चला पाते हैं ना मांग कर खा पाते हैं
हम में से ना जाने कितने तड़प के मर जाते
क्योंकि हम टैक्सी चलाते हैं
कोई पूछें अगर नाम मेरा हम उन्हें driversubhash बताते है
Driversubhash बताते है 🙏🙏