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इंतक़ाम भाग - 2

8 सितम्बर 2021

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इंस्पेक्टर संग्राम के पूछने पर वो आदमी बोला,
" मैं साजन का बिजनेस पार्टनर राजन मिश्रा हूं। "
संग्राम सिंह ने उसे घूरकर देखा और भारी आवाज में कहा,
" तुमको किसने बताया इस घटना के बारे में जो इतनी जल्दी धमक गये तुम यहां ? "
राजन सकपकाया तभी भीड़ में से एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति बोला,
" जी मैंने फोन किया था इनको। "
" आपकी तारीफ़ ? " संग्राम सिंह का लहज़ा कहीं से भी तारीफ पूंछने वाला नहीं था। संग्राम सिंह की सर्द आवाज़ से वो अधेड़ व्यक्ति हकला गया और खुद को संयत करते हुए बोला,
" जी मैं इस सोसाइटी का सेकेट्री हूं, जनार्दन शर्मा। "
संग्राम सिंह वापिस राजन से मुखातिब हुआ।
" किस चीज का बिजनेस है आपका ? "
" जी हमारा फायनेंस का बिजनेस है। हम पांच पार्टनर हैं। उन्हीं में से एक ये साजन कोहली था। "
" हम्मम ! आप बाहर रुको, अभी जाना नहीं। मुझे बात करना है आपसे। "
राजन ने सहमति में सिर हिलाया और बाहर निकल गया। संग्राम सिंह अपने स्टाॅफ के साथ तहकीकात में लग गया। कुछ देर बाद संग्राम सिंह बाहर निकला और राजन को इशारे से अपने पास बुलाया। राजन करीब पैंतीस छत्तीस साल का नौजवान था। संग्राम सिंह उससे बोला,
" हां तो मिश्रा जी अब आप बताएं अपने इस दोस्त के बारे में और अपने बाकी पार्टनर्स के बारे में। "
" हम सब दिल्ली से हैं। ये साजन, मैं, विनोद जैन, अचल राय और अजय पंचोली। यहां ललितनगर आकर हमने तीन साल पहले ये बिजनेस डाला था। हमारा सिटी सेंटर में आॅफिस है। कल रात दस बजे तक हम साथ थे। सेक्टर 22 के जायका बार में डिनर किया हमने फिर अपने अपने घर निकल गए। फिर सुबह जनार्दन जी का कॉल आया कि साजन फ्लैट नहीं खोल रहा है। मैं तुरंत भागकर आया। " राजन ने दुखी स्वर में बताया।
" इस साजन के बीबी बच्चे कहां हैं ? यहां तो कोई नहीं दिखा ? उनको ख़बर कर दी ? " संग्राम सिंह ने दूसरा सवाल पूंछा।
" इसका करीब दो साल पहले तलाक़ हो चुका है। इसके कोई बच्चे नहीं हैं। बाकी परिवार दिल्ली में रहता है, उनको फोन कर दिया है। " राजन ने जानकारी दी।
" ठीक है ! अभी आप जा सकते हैैं लेकिन शहर छोड़ कर मत जाना। अभी आपकी जरूरत पड़ सकती है। अपने बाकी पार्टनर्स का डिटेल सब इंस्पेक्टर राय को लिखवा दो और उनको भी कह देना कि शहर से बाहर न जाएं बिना मेरी इजाजत के। " संग्राम सिंह ने चेतावनी के अंदाज में कहा। राजन ने हामी भरी और वहां से निकल गया।
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साहिल ने सुबह चाय पीते हुए टी वी चालू किया। उसमें साजन के कत्ल की ख़बर चल रही थी। उसके पार्टनर राजन मिश्रा का इंटरव्यू आ रहा था। राजन को देखकर साहिल को अतीत याद आ गया। साहिल को साजन ने पीके के नाम से संबोधित किया था। पीके मतलब था " पवन कुमार नाग " जो कि साहिल का असली नाम था। शार्ट में सभी उसको पीके कहकर पुकारते थे।
चार साल पहले पवन कुमार दिल्ली में स्टेट बैंक की सरोजिनी ब्रांच में ब्रांच मैनेजर के पद पर कार्यरत था। साजन, राजन, विनोद, अचल और अजय उसी की ब्रांच में कार्यरत थे। साजन और राजन असिस्टेंट मैनेजर, विनोद, अचल और अजय लोन सेक्शन में थे। सभी छः लोग बहुत अच्छे दोस्त थे। साथ में पार्टी करना, फैमिली गेट-टुगेदर करना इनका रोज का शगल था। सब कुछ अच्छा चल रहा था।
तभी गवर्नमेंट ने कमजोर तबके के लिए दो लाख तक के लोन की स्कीम सरल क़र्ज़ योजना लांच की। सभी ब्रांच को दस करोड़ का टारगेट दिया। बड़ा टारगेट था इसलिए इन सभी ने इसे पूरा करने के लिए अपने आप को इस काम में झोंक दिया। मेहनत रंग लाई और इनकी ब्रांच द्वारा करीब बारह करोड़ के लोन सेंक्शन किए गए। सभी बहुत खुश थे।
कुछ महीनों बाद जब पवन कुमार अपनी ब्रांच में बैठा था तभी पुलिस ने उसकी ब्रांच में छापा मारा। पवन कुमार को कुछ समझ नहीं आया कि अचानक ऐसा क्यों हुआ। तभी पुलिस ने उसको गिरफ्तार कर लिया। उसे थाने ले जाकर जब पूछताछ करने लगे तब उसे समझ आया कि सरल क़र्ज़ योजना के अंतर्गत जो लोन बांटे गए थे उनमें से करीब दस करोड़ के लोन फर्जी थे। एक पीड़ित महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी कि उसने कोई लोन नहीं लिया था लेकिन उसके पास लोन न चुकाने के कारण नोटिस आया था।
ऐसे और भी मामले सामने आने लगे।
बैंक में कमजोर तबके के लोगों के फर्जी खाते खोले गए। फिर उन लोगों के नाम पर सरल क़र्ज़ योजना के तहत दो लाख के अंदर के लोन सेंक्शन किए गए जिसकी जानकारी उन लोगों को बिल्कुल नहीं थी। लोन का पैसा उन फर्जी खातों में डालकर निकाल लिया गया। जब लोन की किस्तें नहीं चुकीं तो जिन लोगों के नाम पर लोन लिए गए थे, उनको नोटिस जाने लगे। उनमें से ही एक महिला ने पुलिस को खबर कर दी और इस मामले का खुलासा हो गया। पूरा मामला करीब दस करोड़ का था। चूंकि सारे सेंक्शन लैटर्स पर पवन कुमार के दस्तखत थे इसलिए उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसके उन पांचों दोस्तों ने पवन कुमार यानी साहिल के खिलाफ बयान देकर ये बताया कि सारे डाक्यूमेंट्स पवन ने ही उपलब्ध करवाए थे। सारे लोन भी उसी ने सेंक्शन किए थे और खातों से रकम निकासी के दस्तावेजों पर भी पवन के ही हस्ताक्षर थे।
पवन उर्फ साहिल समझ गया था कि दोस्ती में उन पांचों पर भरोसा करने का ये अंजाम था। उन लोगों ने पूरी योजना बनाकर उसके भरोसे का फायदा उठाकर पूरा जाल इस तरह बुना था कि सिर्फ वो ही उसमें फंसा था और वो पांचों दस करोड़ की रकम हड़प करके साफ बच निकले थे।
जब सैकड़ों लोगों को नोटिस मिले तो वो भड़क उठे। सैकड़ों की भीड़ ने पवन उर्फ साहिल का घर घेर लिया। उसकी पत्नी रिचा के मुंह पर कालिख पोतकर उसे बहुत अपमानित किया गया। एक दिन उसे जेल में बताया गया कि उसकी पत्नी ने नदी में कूंदकर खुदकुशी कर ली है। उसकी लाश नहीं मिली है लेकिन उसकी स्कूटी नदी के पुल पर मिली है और स्कूटी की डिकी में सुसाइड नोट मिला है। उसे सुसाइड नोट की फोटो कॉपी दी गई जिसमें लिखा था,
" पवन,
मुझे माफ़ कर देना। मैं अब और नहीं लड़ पा रही हूं। मैं जानती हूं कि तुम बेकसूर हो लेकिन वकील साहब ने बताया कि तुम्हारे खिलाफ बहुत मजबूत केस है और तुम्हें लंबी सजा होगी। मेरा जीना मुश्किल हो गया है। लोग कदम कदम पर बेइज्जत करते हैं। घर में कैद होकर रह गई हूं। मैं प्रिगनेंट हूं पर मैं इस बच्चे को पैदा करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रही हूं क्योंकि मैं इसे इस माहौल में पाल नहीं सकती इसलिए अपने साथ ले जा रही हूं। मुझे खुदकुशी करने के लिए माफ़ कर देना।
तुम्हारी
रिचा "
पवन उर्फ साहिल इस खत को पढ़कर टूट गया। उसकी भी जीने की ख्वाहिश खत्म हो गई। उसने जेल में दो बार खुदकुशी करने की कोशिश की। दूसरी बार में उसने जेल में एक ऊंची जगह से छलांग लगाई थी जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गया था। चूंकि जेल अस्पताल में गंभीर चोटों के कारण उसका इलाज संभव नहीं था इसलिए उसे जेल से बाहर सरकारी अस्पताल में शिफ्ट किया गया। वहां वो रिकवर जल्दी हुआ लेकिन उसने ऐसा जताया कि वो स्वस्थ नहीं है और अपने पैरों पर भी खड़ा नहीं हो सकता जिससे उसकी निगरानी में लगा पुलिस स्टाफ थोड़ा लापरवाह हो गया और वो एक रात वहां से भाग निकला।
जेल से भागने के बाद उसने पता किया तो मालूम हुआ कि वो पांचों नौकरी छोड़कर ललितनगर चले गए हैं। बस तभी उसने ललितनगर का रूख किया। यहां आकर उसने सबको अपना नाम साहिल बताया और एक बस्ती में किराए से मकान ले लिया। कुछ ही दिन में उसकी उस बस्ती के कुछ आवारा टाइप के लड़कों से पहचान हो गई। फिर उनमें से एक नान्टा नाम के लड़के की ही मदद से रिवाल्वर हासिल की। उसने तय कर लिया था कि जिन लोगों ने उसका सब कुछ बर्बाद किया था उन्हें अपने हाथों से सजा देगा।
एक दिन उसे साजन कार से जाता हुआ दिखा तो उसने उसका आटो से पीछा किया तब उसे साजन के इस घर का पता चला। कुछ दिन उसने उस एरिया और सोसायटी की रेकी की। उस रात उसे मौका मिल गया और उसने साजन को उसके अंजाम तक पहुंचा दिया। अब उसे बाकी बचे चारों में से अपना अगला शिकार ढूंढना था।

••••• साहिल अपने अगले शिकार तक कैसे पहुंचा और क्या वो अपने इरादों में कामयाब हो पाया ? जानेंगे अगले भाग में •••••

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रचनाएँ
इंतक़ाम
5.0
एक साधारण बैंक मैनेजर, जो एक पुरसुकून जिंदगी जी रहा था, कुछ लोगों के धोखे के कारण उसकी जिंदगी तहस नहस हो गई। उसने भी तय कर लिया कि जिन लोगों की वज़ह से उसकी हंसती खेलती जिंदगी नासूर बन गई थी उन सबको अपने हाथों से सज़ा देकर इंतक़ाम लेगा। उसके इंतक़ाम की कहानी।
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इंतक़ाम भाग - 1

8 सितम्बर 2021
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<p dir="ltr"><span style="font-size:14px" ;=""><span style="color:#000000;">साहिल ने फ्लैट की डोरबेल

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इंतक़ाम भाग - 2

8 सितम्बर 2021
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इंतक़ाम भाग 3

9 सितम्बर 2021
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इंतक़ाम भाग 4

10 सितम्बर 2021
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दो दिन बाद अल्ताफ का एक बंदा साहिल से मिलने आया। उसने अपना कोई परिचय नहीं दिया। उसने साहिल को एक फाइ

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इंतक़ाम भाग 5

24 सितम्बर 2021
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इंतक़ाम भाग - 6

26 अक्टूबर 2021
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अजय इंस्पेक्टर संग्राम सिंह को फोन लगा ही रहा था कि राजन ने उसे रोका। अजय रुक तो गया लेकिन उसने सवाल

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इंतक़ाम भाग - 7

18 नवम्बर 2021
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इंतक़ाम भाग - 8

19 नवम्बर 2021
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साहिल ने स्टोररूम में पड़े एक पुराने गद्दे को जमीन पर दीवार से लगाकर बिछाया और दीवार से टिककर बैठ गय

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इंतक़ाम भाग - 9

3 जनवरी 2022
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अचल ने जैसे ही साहिल को पहचाना, उसकी आंखें फटी रह गईं। उसने दोनों हाथों से आंखों को रगड़ा और फिर देखा।सामने साहिल ही था ये जानने के बाद उसकी धड़कनें ....

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इंतक़ाम भाग - 10

3 जनवरी 2022
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इंस्पेक्टर संग्राम सिंह जब अचल के फार्म-हाउस पहुंचा तो बुधनी का थानेदार मंगल पटेल बाहर खड़ा उसका इंतजार कर रहा था। उसने संग्राम सिंह को सेल्यूट किया और ...

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इंतक़ाम भाग - 11

3 जनवरी 2022
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मोबाइल की लगातार बज रही घंटी से साहिल की नींद खुली। उसने हाथ घड़ी देखी। सुबह के छः बज रहे थे। उसने मोबाइल देखा तो अल्ताफ का फोन था।साहिल ने फोन उठाया।" मियां ! आधे घंटे में होटल छोड़कर और ..

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इंतक़ाम भाग - 12

3 जनवरी 2022
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भावना के फ्लैट पर पहुंच कर साहिल ने डोरबेल बजाई। कुछ देर के इंतजार के बाद दरवाजा खुला।भावना सामने साहिल को देखकर खुश हो गई।" अरे वाह ! आप यहां ? ..

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इंतक़ाम भाग - 13

3 जनवरी 2022
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साहिल के सवाल के जवाब में भावना ने इनकार में सिर हिलाया।" क्यों ? पुलिस ने क्या किया फिर ? " साहिल ने जोर देकर पूंछा।" पुलिस कुछ महीने पूछताछ करती रही फिर एक साल के बाद ..

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इंतक़ाम भाग - 14

3 जनवरी 2022
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मकसूद अपने बंगले में बेचैन यहां से वहां टहल रहा। वो बहुत गुस्से में था क्योंकि उसके आदमी का क़त्ल उसकी बादशाहत को चुनौती थी।कुछ देर टहलने के बाद वो रुका और ..

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इंतक़ाम भाग - 15

3 जनवरी 2022
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राजन परेशान सा अपने घर पर बैठा था। दोतरफा मुसीबत ने उसे घेर रखा था। एक तरफ़ वो पी. के. जान के पीछे पड़ा हुआ था तो दूसरी तरफ़ ये इंस्पेक्टर ...

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इंतक़ाम भाग - 16

6 मार्च 2022
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नान्टा आज जब साहिल से मिलने आया तो वो बुझा बुझा सा लग रहा था। वो चुपचाप आकर एक कुर्सी पर बैठ गया। आज वो हमेशा की तरह चहक नहीं रहा था।" क्या बात है नान्टा ? आज बहुत दुखी लग रहा है ? क्या हुआ ? " साहिल

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इंतक़ाम भाग -17

6 मार्च 2022
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मुन्ना को पलटते देखकर साहिल ने फौरन अपना रिवाल्वर वाला हाथ पीछे छुपा लिया।" कौन है बे तू ? " मुन्ना ने नशे में थरथराती आवाज़ में गुर्राकर पूंछा।" भाई आपसे कुछ बात करना थी। " साहिल ने शांत स्वर में कहा

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इंतक़ाम भाग - 18

6 मार्च 2022
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साहिल ने नान्टा को बताना शुरू किया," तुझे याद है न जो अभी एक कंपनी के तीन पार्टनर्स का मर्डर हुआ है ? "" हां गुरु ! बहुत हल्ला मचा है उसका ! " नान्टा ने सशंकित स्वर में कहा।" उन तीनों को मैंने ही मारा

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इंतक़ाम भाग - 19

6 मार्च 2022
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अगले दिन साहिल ने जो पहला काम किया वो वहां से नान्टा के मकान में शिफ्ट होने का था।विजयनगर शहर का एक पॉश इलाका था। नान्टा का मकान मेन रोड से अंदर जाती गली में एक ड्यूप्लैक्स था। साहिल को वो मकान पसंद आ

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इंतक़ाम भाग - 20

6 मार्च 2022
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शाम को नान्टा घर पहुंचा तो साहिल घर पर ही था।" आओ नान्टा ! अजय के बारे में कुछ पता चला ? " साहिल ने नान्टा के बैठने के बाद पूंछा।" हां गुरु ! बहुत कुछ। " नान्टा ने उत्साहित स्वर में कहा।" तो फिर शुरू

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इंतक़ाम - भाग - 21

19 मई 2022
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साहिल को जब होश आया तो उसका सर दर्द से फटा जा रहा था। उसने अपने सर को छूने के लिए हाथ उठाना चाहा तो उसका हाथ नहीं उठा। उसने देखा कि उसके हाथ एक लोहे की कुर्सी के हेंडल से बंधे हुए थे। उसने दर्द को जब्

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इंतक़ाम भाग - 22

21 मई 2022
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अजय ने जैसे ही साहिल के हाथ में रिवाल्वर देखी उसके हाथ से छूटकर गिलास और बॉटल दोनों जमीन पर गिरकर चकनाचूर हो गये। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगीं। वो तेजी से रेस्टरूम वाले दरवाजे की तरफ़ भागा लेकिन व

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