ग़ज़ल (इश्क क्या है ,आज इसकी लग गयी हमको खबर )हर सुबह रंगीन अपनी शाम हर मदहोश हैवक़्त की रंगीनियों का चल रहा है सिलसिलाचार पल की जिंदगी में ,मिल गयी सदियों की दौलतजब मिल गयी नजरें हमारी ,दिल से दिल अपना मिलानाज अपनी जिंदगी पर ,क्यों न हो हमको भलाकई मुद्द्दतों के बाद फ
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