वाद को पनपने मत दो।गाँव मे जातिवाद, जिले में गैंगेस्टर, प्रदेश में माववादी, प्रदेश बॉर्डर में नक्सलवादी, देश बॉर्डर में आतंकवादी। इन सब से हारे तो वायरस वाद, इन सब का बाप राजनीतिवाद। यह आम जनता को न जीने देते है न मारने देते है। इन सब का झूठ का पुलिंदा बांधने वाला मीडियावाद, आजकल समाजवाद पर हॉबी है।