भारत मे सेल्फ पब्लिकेशन का क्रेज बढ़ने के 5 महत्वपूर्ण कारण
अपनी बुक के प्रिंट के लिए परम्परागत प्रकाशकों को पूरी जानकारी देता लेखक और चार महीने बाद बुक के रिजेक्ट होने की टीस, कल्पना करिए उस लेखक पर कयक बीतती होगी?
बस परम्परागत प्रकाशकों की इन्हीं मनमानी की