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"गीत" झूम के सावन आ गया रे एक बूँद वर्षा की गगन से, आ के गिरती गालएक बूँद अरवी के पत्ते, एक टमाटर लाल......झूम के सावन आ गयो रेएक बूँद उड़ चली अकेली, जा के मिलती तालएक उड़ी बौछार बिकल हो, जा के पहुंची खाल.....झूम के सावन आ गयो रेएक उड़ चली संग सहेली, कर के ऊँचा भालएक

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