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जीवन के काटू अनुभव

1 सितम्बर 2021

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मझधार में हूं मझधार में रहने दो किनारे की जरूरत नहीं! 

सफर में हूं सफर करने दो सहारे की जरूरत नहीं!! 

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आदरणीय आपने अच्छा लिखा.... लेकिन और अच्छा लिख सकते हैं। 😊👍🏻

1 सितम्बर 2021

Hiamanshu Gautam

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2 सितम्बर 2021

Ji ma'am

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