दृश्य: जंगल में राजा शेरसिंह की सभा चल रही है सभी जानवर अपनी अपनी जगह पर बैठे हैं तभी बंदर(गोलू) राजा से एक सवाल पूछता है।
बंदर(गोलू) : महाराज आपको राजा किसने बनाया?
शेर (राजा शेरसिंह) : क्या कहना चाहते हो गोलू?
बंदर (गोलू): मेरा मतलब हाथी (गजोधर) के पापा या भालू(दरबारी) को राजा क्यूं नहीं बनाया गया?
शेर (राजा शेरसिंह): चलो गोलू आज मैं तुमको बताता हूं कि मैं राजा कैसे बना और बाकी के जानवर क्यूं नहीं बने?
हाथी (गजोधर): महाराज चूहा (कतरू) कहां गया हुआ है आज सभा में भी नहीं आया।
शेर (राजा शेरसिंह): पिछली सभा में मिट्ठू को जब तुम सब बचा कर लेके आए थे तो उसको हमने इनाम में दो किलो मक्खन दिया था और लगता है उसको खाकर उसके पेट में गड़बड़ हो गई है।
कोयल(चाची): कतरू को उसका लालच ही परेशानी में डाल देता है।
बंदर( गोलू): महाराज आप बताओ कि आप राजा कैसे बने?
शेर (राजा शेरसिंह): मेरे पिता (राजा सिंहराज) पहले इस जंगल के राजा थे उन्होंने सारी उम्र इस जंगल का बहुत अच्छे से ध्यान रखा सारी प्रजा को खुश रखा।
लेकिन जब मेरे पिता को अपने बुढ़ापे के समय ये चिंता सताने लगी थी की उनके बाद जंगल का राजा कौन बनेगा? और इसलिए उन्होंने पूरे जंगल में घोषणा करवा दी थी की जंगल का नया राजा चुना जायेगा और जो राजा बनना चाहता है उसको राजा के सामने एक अच्छे राजा होने का प्रमाण देना होगा और इसका फैसला राजा खुद करेंगे की राजा कौन बनेगा?
तब क्या था जंगल के सारे जानवर एक एक करके मेरे पिता के सामने अपने गुणों का प्रदर्शन करने लगे।
कोयल(चाची): महाराज आपको याद है कैसे उल्लू(उचका) ने आपके पिता के पास जाकर बोला था की उसको राजा बनाया जाए क्योंकि वो रात में देख सकता है जिससे वो रात में भी जंगल की रक्षा करेगा। अब बताओ दिन में जंगल का राजा सोता और रात को जब जंगल सोता तो उचका जागता।
राजा (शेरसिंह): और भालू(दरबारी) ने मेरे पिता से ये बोला था की उसको ही जंगल का राजा बनना चाहिए क्यूंकि वो सर्दियों में खाना नहीं खाता और वो पूरी सर्दी गुफा में सो कर बिताता है जिससे वो अगर राजा बनेगा तो पूरी सर्दी भर जंगल में आराम करने के लिए छुट्टी भी देगा। और ऊपर से हाथी(गजोधर) तुम्हारे पिता भी मेरे पिता के पास आए थे राजा बनने के लिए और उन्होंने कहा कि उनको राजा बनना है क्यूंकि वो जंगल में आकार में सबसे बड़े जानवर है जिससे वो दुश्मनों से लड़ने में सबसे सही है।
हाथी(गजोधर): महाराज लेकिन मेरे पिता ने क्या गलत कहा था वो आकार में बड़े थे जिससे सारे दुश्मन उसने डरते।
शेर (राजा शेरसिंह): लेकिन गजोधर राजा बनने के लिए सिर्फ आकार बड़ा नहीं बल्कि बुद्धि भी बड़ी होनी चाहिए।
बंदर(गोलू): तो महाराज आपके पिता ने किसको राजा बनाया ?
शेर(राजा शेरसिंह): ये जो आज हमारी मंत्री है लोमड़ी जी इनको।
मोरनी(मामी): अब क्या बोलूं लोमड़ी(सयानी) ने तो उस समय सबका जीना मुश्किल कर दिया था उस समय सयानी सबको अपनी उंगली पर नचाती थी।
लोमड़ी(मंत्री): मामी उस समय मैं राजा बनकर थोड़ी घमंडी हो गई थी लेकिन मुझे क्या पता था राजा मुझे राजा बना देंगे।
हाथी(गजोधर): महाराज लोमड़ी(मंत्री) ने ऐसा क्या किया था जो आपके पिता ने इनको राजा बना दिया था।
शेर (राजा शेरसिंह): सयानी ने मेरे पिता को अपनी चालाकी से एक शिकारी के जानलेवा हमले से बचाया था और उसकी ही वजह से मेरे पिता ने सयानी को राजा तो बना दिया लेकिन सयानी ने राजा बनते ही घमंड में आकर जंगल के सभी नियमों को बदल दिया जैसे की जंगल की सभा बरगत के पेड़ के नीचे नहीं आम के पेड़ के नीचे होगी,सभा में मोरनी मामी नहीं हिरनी जीजी नाचेंगी, भालू(दरबारी) की जगह गजोधर के पिता(लंबोधर) ढोलक बजाएंगे और कोयल(चाची) की जगह कौआ (काकू) सूर लगाएंगे।
कोयल(चाची): फिर क्या सभा देखते ही देखते सर्कस बन गया और हमारी सयानी जोकर ।
शेर (राजा शेरसिंह): सयानी की बढ़ती मनमानी को देखते हुए मेरे पिता ने इनको राजा की गद्दी से हटा दिया और पूरे जंगल के जानवरों के कहने पर मुझे राजा बना दिया गया और इसके बाद लोमड़ी(सयानी) को मंत्री बनाया गया ।
बंदर(गोलू): अच्छा तो ऐसे आप हमारे जंगल के राजा बने। लेकिन महाराज क्या मेरे पिता राजा (सिंहराज) के पास राजा बनने के लिए नहीं गए क्या?
मोरनी(मामी): गोलू उस समय तुम्हारे पिता की तबियत ठीक नहीं थी ।
बंदर(गोलू): लेकिन मेरे पिता अब कैसे होंगे ?
शेर(राजा शेरसिंह) : कोई बात नहीं गोलू जल्द ही तुम्हारे माता पिता शहर के सर्कस से वापस आ जाएंगे।
कोयल(चाची): उदास मत हो गोलू हम सब तुम्हारे साथ है।
भालू(दरबारी) आज की यह सभा यहीं खत्म की जाती है।