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मेघ संगीत

6 मार्च 2023

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दृश्य : गर्मी का मौसम चल रहा है सभी जानवर गर्मी के मारे परेशान हैं। पूरा जंगल सुख गया है और एक तालाब के किनारे सारे जानवर आकर पेड़ की छावं के  नीचे बैठे हुए हैं | 

हाथी (गजोधर) : कितनी गर्मी हो रही है न जाने बारिश कब होगी? तालाब में पानी भी कम हो गया है मै तो उसमें नहा भी नहीं सकता | 

बन्दर (गोलू): पेड़ों पर फल भी नहीं है खाने को, बारिश तो होनी ही चाहिए न तो हम भूख से मर जाएंगे | 

हाथी (गजोधर) : गोलू बारिश को बुलाने का कोई तरीका नहीं है क्या? 

बन्दर (गोलू): मुझे इसके बारे में नहीं पता लेकिन मोरनी मामी को इसके बारे में जरूर पता होगा | 

मोरनी (मामी): हाँ ! बच्चों अगर कोशिश करें तो हम बारिश को भी बुला सकते हैं लेकिन उसके लिए हमको मेघ देवता को प्रसन्न करना होगा | 

हाथी (गजोधर) : हम देवता को कैसे खुश कर सकते हैं ? बताओ मामी | 

मोरनी (मामी): हम सबको मेघ संगीत समारोह करना पड़ेगा | आज से कई साल पहले भी ऐसे ही सूखा पड़ा था तब भी ये समारोह किया गया था जिसमें जंगल के राजा ने मेघ गीत गाकर बादलों को खुश किया था और उस साल बहुत अच्छी बारिश हुई थी पूरा जंगल हरा भरा हो गया था | 

हमको महाराज शेरवीर जी से निवेदन करना होगा कि वह फिर से मेघ संगीत समारोह करवाये और मेघ गीत गाकर बादलों को खुश करें  जिससे जंगल में बारिश हो जाए और जंगल फिर से हरा भरा हो जाये | 

बन्दर (गोलू): तो ठीक है मै और गजोधर महाराज से जाकर निवेदन करते हैं |          

( गोलू और गजोधर महाराज शेरवीर की गुफा में जाकर)           

महाराज की जय हो |    

राजा (शेरवीर) : बोलो गोलू क्या बात है कैसे आना हुआ |         

बन्दर(गोलू) : महाराज जंगल में बारिश न होने की वजह से जंगल सुख गया है तालाब में पानी धीरे धीरे काम होता जा रहा है | सभी जानवर  भूख प्यास से परेशान हो रहे हैं | इसलिए हम सब चाहते हैं कि आप मेघ संगीत समारोह करवाए और मेघ गीत गाकर  बादलों को खुश करें  जिससे जंगल में बारिश हो जाएगी |                                                              

राजा (शेरवीर) : ठीक है | कल शाम तालाब के किनारे सभी जानवर इक्क्ठा हो जाये कल मेघ संगीत समारोह किया जायेगा इसकी घोषणा पुरे जंगल में करवा दी जाये |                      

जंगल में घोषणा :   

भालू (दरबारी) : सुनो सुनो सुनो ! जंगल के सारे जानवर ध्यान से सुनो , कल शाम तालाब के किनारे महाराज के आदेश पर मेघ संगीत समारोह किया जायेगा | आप  सभी कल सादर आमंत्रित हैं |                               

 मेघ संगीत समारोह की शाम  

सभी जानवर तालाब के किनारे आ गए हैं और वहां की तैयारी देखकर सब हैरान हो गए, सब बेसब्री से राजा के आने का इंतज़ार कर रहे हैं |                       

भालू (दरबारी) : होशियार,ख़बरदार महाराजा शेरवीर पधार रहे हैं |          

सभी जानवर : महाराज की जय हो |      

राजा (शेरवीर) : आज हम सब यहाँ मेघ संगीत समारोह के लिए इक्कट्ठे हुए हैं तो शुरू करते हैं मेघ गीत |      

राजा द्वारा मेघ गीत गया गया लेकिन मेघ की एक बूँद भी नहीं गिरी |                                

गधा (घोंचू): ये क्या? बारिश तो हुई नहीं लगता है मेघदेवता प्रसन्न नहीं हुए हैं |             

मोरनी (मामी) : घोंचू सही कह रहा है,मेघ अभी खुश नहीं हुए हैं लेकिन अब ऐसा क्या करे की मेघ देव खुश हो जाये |                       

लोमड़ी (मंत्री) : महाराज,संगीत एक ऐसी कला है जिसके माध्यम से हम सभी अपने भावनाओं को बयान कर सकते हैं। यह कला सृष्टि के प्राकृतिक शब्दों और लयों के साथ साथ इंसान के भावनाओं और अनुभवों को भी अभिव्यक्ति देने की शक्ति रखती है। संगीत की शक्ति असीम है और इसका प्रभाव हमारे जीवन के हर क्षेत्र में महसूस होता है। संगीत से हम अपने मन को शांत कर सकते हैं, अपनी भावनाओं को निखार सकते हैं और जीवन के हर मौड़ पर आगे बढ़ने की प्रेरणा ले सकते हैं।हम सबको दिल से मेघ देव को खुश करने के लिए अपना योगदान देना चाहिए | एक बार हम सब मिलकर मेघ गीत गाना चाहिए क्यूकि ये जंगल हम सबका है और इसके लिए हम सबको प्रयास करना चाहिए |                                           

लोमड़ी की बात सबको सही लगी और सारे जानवर मेघ गीत गाने के लिए मान गए |    

हाथी (गजोधर) : (आकाश की तरफ अपनी सूंढ़ उठाकर) तो सब एक साथ शुरू करते हैं मेघ गीत |         

सारे जानवर झूमते गाते हुए मेघ गीत गाने लगे           

काले मेघा पानी दे,

पानी दे गुड़ घानी दे |

चारों ओर उदासी है,

धरती कितनी प्यासी है ?

पशु पक्षी सब भूखे हैं,                

उनको दाना पानी दे |    

काले मेघा पानी दे,

पानी दे गुड़ घानी दे | 

बाट ताकते सभी अधीर ,

सारे मांग रहे हैं नीर,

सब हैं तुम्हे पुकार रहे,

तेरी और निहार रहे,

वर्षा ऋतु सुहानी दे,

काले मेघा पानी दे,

पानी दे गुड़ धानी दे |

जब तु जल बरसायेगा,

नाच मयूर दिखायेगा,

सारे शोर मचांएगे,

खुशियों के गीत गाएंगे,

इस जंगल को जवानी दे,

काले मेघा पानी दे,

पानी दे गुड़ धानी दे |

तभी मेघ देव ने खुश होकर जंगल में वर्षा शुरू कर दी  जिसे देखकर मोरनी मामी ने अपने पंख फेेलाकर नित्य करना शुरू कर दिया सारे जानवर ख़ुशी के कारण नाचने लगे | देखते ही देखते तालाब फिर से भर गया सारे जानवर तालाब में मौज मस्ती करने लगे |                                                

  बन्दर (गोलू): (मोरनी मामी से) जब राजा ने गीत गया तब बारिश नहीं हुई और बाद में हम सब ने कोशिश की तो बारिश आ गयी कैसे ?

 मोरनी (मामी) : गोलू , संगीत एक भाव की तरह है जब तक आपका भाव दूसरे तक नहीं पहुंचेगा तब तक कुछ भी संभव नहीं, जब राजा ने अकेले भावहीन तरीके से मेघ गीत गाया तब उससे देव खुश नहीं हुए और जब हम सबने मिलकर पुरे भाव के साथ मेघ गीत को गाया तो उसमें वो शक्ति थी जिसने मेघ देव तक का दिल जीत लिया |                                                                                                    

इसलिए याद रखना संगीत में बहुत शक्ति होती लेकिन तब जब आपके संगीत में भाव हो आपका संगीत भावहीन न हो |                                                

इस तरह जंगल फिर से हरा भरा हो गया |        




                                                                                                                                                        

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