जंगल की कहानी” अखिलेश प्रताप सिंग की उम्र महज 8 वर्ष रही होगी । वह जमींदार वीर प्रताप का अकेला पुत्र था । उस पर जमींदारी का रंग नहीं चढ पाया था । उसे जंगल में घूमना , नाना प्रकार के पक्षियों कोदेखना , तितलियों को पकड़ना अच्छा लगता था । जंगल के पक्षियों व तितलियों के प्रति उसके मन में हमेशा कोमल भावनाएं प्रवाहित होती थीं । वह एक बार एक पंछी व उनके बच्चों को बचा कर उनकी सेवा करता है । बाद में जब जंगल में उसके सर पर विपत्ति आती है । तब उस पंछी के चारों बच्चे उसे सांप से बचाकर अपनी माता के दिए वचन को पूरा करते हैं
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