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यह कैसी शिक्षा

12 जनवरी 2018

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विषय – नई शिक्षा नीति नीति चाहे नई हो या पुरानी उसका उद्देश्य केवल विद्यार्थियों का सर्वाँगिण विकास होना चाहिए । क्योंकि आज जिनके भविष्य को हम संवारने की बात कर रहें है वही कल देश के भविष्य के निर्माता की भूमिका निभाएँगे । कहा भी गया है कि भवन निर्माण करते समय अगर एक भी ईंट गलत लग जाती है तो भवन का गिरना संभंव है और अगर ईंट और नींव दोनों मज़बूत होंगी तो दुनिया की कोई भी शक्ति उसका बाल भी बांका नहीं कर सकती । शिक्षा किसी राष्ट्र अथवा समाज की प्रगति का मापदंड है । जो राष्ट्र शिक्षा को जितना अधिक प्रोत्साहन देता है वह उतना ही विकसित होता है । किसी भी राष्ट्र की शिक्षा नीति इस पर निर्भर करती है कि वह राष्ट्र अपने नागरिकों में किस प्रकार की मानसिक अथवा बौद्धिक जागृति लाना चाहता है । नई नीतियों के अनुसार वह अनेक सुधारों और योजनाओं को कार्यान्वित करने का प्रयास करता है जिससे भावी पीढ़ी को लक्ष्य के अनुसार मानसिक एवं बौद्‌धिक रूप से तैयार किया जा सके। नयी शिक्षा-नीति में परीक्षा की विधि एवं पूर्व परीक्षा विधि की तरह परीक्षा भवन में बैठ बैठकर रटे रटाए प्रश्नोत्तर लिखने तक सीमित नहीं रह गई है, अपितु विद्यार्थियों के व्यावहारिक अनुभव को भी परीक्षा का आधार बनाया गया है। इसमें प्रत्याशी अपने व्यावहारिक स्तर के मूल्यांकन के आधार पर कोई पद, व्यवसाय या उच्चतम अध्ययन को चुनने के लिए बाध्य होगा। नई शिक्षा नीति का मुख्य उद्देश्य है कि शिक्षा इंसान को बंधनों से मुक्त करे और उसे सक्षम बनाए। इसमें इस बात पर भी ध्यान दिया जा रहा है कि शिक्षा रट्टा मार परंपरा से मुक्त हो जिसमें शिक्षा को स्कूल की चारदीवारी के बाहर की दुनिया से जोड़ने की बात कही गयी है। हम एक अद्भुत दुनिया में रह रहे हैं। यहाँ पर कुछ लोग वास्तविक गांवों को मिटाने और डिजिटल विलेज बसाने की बात करते हैं। भारत में चुनिंदा टेक्नोक्रेट चाहते हैं कि शिक्षा पर उनका कब्जा हो जाए और टीचर की जगह टेक्नॉलजी को रिप्लेस कर दिया जाए। मगर यह बात सौ फ़ीसदी सच है कि कोई तकनीक एक अच्छे टीचर की जगह कभी भी नहीं ले सकती। भारत में इंटरनेशनल सेमीनार के नाम पर शब्दावाली का एक खेल हो रहा है, इस सेमीनार में हिस्सा लेने वाले लोग गाँव के स्कूलों की ज़मीनी वास्तविकताओं से अनभिज्ञ हैं। लेकिन स्कूल में इंटरनेट, वीडियो और स्मार्टफ़ोन पर इस्तेमाल होने वाले सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करने की बहुत सी मनगढ़ंत वजहें गिनाते वक़्त उनका आत्मविश्वास देखने लायक होता है। हालांकि स्कूल में तकनीकिकरण को बढ़ावा देने वाले कुछ समर्थक स्वीकार करते हैं कि तकनीक शिक्षक के सहायक की भूमिका निभा सकती है। लेेकिन तकनीक पर इससे ज़्यादा भरोसा शिक्षा को उस मानवीय ऊष्मा से वंचित कर देगा, जिसकी झलक अभी स्कूलों में दिखाई देती है। बुनियादी तौर पर शिक्षकों से यह कहने की कोशिश हो रही है कि बच्चों को क्या पढ़ाया जाएगा के साथ-साथ कैसे पढ़ाया जाएगा? यह तय करने की जिम्मेदारी भी बाकी लोगों पर होगी। किसी स्कूल में क्या शिक्षक की भूमिका मात्र ऊपर से आने वाले निर्देशों का अनुसरण करने की होगी? अगर ऐसा होता है तो शिक्षक अब अपने ही बच्चों के बीच अज़नबी होने को मजबूर होगा। और बच्चों के बारे में कहा जाएगा कि उनको तो वीडियो गेम और इंटरनेट पर पढ़ना, प्रोजेक्ट बनाना पसंद है ऐसे में शिक्षक की जरूरत क्या है? लेकिन ज़मीनी वास्तविकताएं काफी अलग है। ऐसे में सवाल उठता है कि तकनीक का अत्यधिक लोभ हमें एक ऐसे अंधे रास्ते की तरफ न मोड़ दे…जहां से कोई वापसी नहीं होगी। ***नीतियाँ बनाने वालो बच्चों के भविष्य से न खिलवाड़ करो । नैतिक मूल्यों और संस्कारों की जड़ तुम ऐसे न बर्बाद करो । खुशहाली तभी मिलेगी जब भावी पीढ़ी का ख्याल रखोगे । शिक्षा और शिक्षार्थी को राजनीति से दूर रखोगे ।

नीरू मोहन'वागीश्वरी' की अन्य किताबें

jitendra kumar singh

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उदासिनता कि बात यह हे कि शिच्छा मन्त्री👍छाप*

13 जनवरी 2018

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12 जनवरी 2018
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नारी सशक्तिकरण और पुरूष

13 जनवरी 2018
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स्त्री की भूमिका सदियों से सुंदरता, कोमलता, करूणा, प्रेम, अन्नपूर्णा की रही है दूसरी और पुरुष कठोर, शक्ति का प्रतीक, जीवन की हर मुश्किलों को झेलने वाला कहा गया है । कहते हैं --जिस परिवार में पुरुषों की संख्या ज्यादा होती है उस परिवार के लोग अपने आप को ज्यादा सुरक्षित महसूस करते हैं अर्थात पुरुष संरक

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अंकों और विषय चयन का दबाव ज़रूरी

29 मई 2018
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कहानी के माध्यम से संदेशयुक्त लेख ****बच्चों पर पढ़ाई और अंकों का दबाव न डालें । ****** पिताजी की इच्छा है कि रोहन दसवीं में कॉमर्स विद् मैथ्स ले ……। रोहन का दसवीं का परीक्षा परिणाम निकलने वाला है । घर में सन्नाटा छाया हुआ है । नेट पर परिणाम की घोषणा हो चुकी है । रोहन घर आता है । माँ पूछती है… रो

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प्रतिभा पलायन क्यों ज़रा सोचिए

30 मई 2018
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लेख प्रतिभा पलायन क्यों… ज़रा सोचिए ******************* *देश के हित को सोचकर ही , हम सब को आगे बढ़ना है | प्रतिभा पलायन नहीं निष्कर्ष, हिंदुस्तान में ही अपना सर्वस्व कायम रखना है | प्रतिभा संपन्न व्यक्ति ही किसी समाज या राष्ट्र की वास्तविक संपदा होती है| इन्हीं की दशा एवं दिशा पर देश का भविष्य न

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विद्यार्थियों में गिरते जीवन मूल्य

23 जुलाई 2018
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कहते हैं जो विद्यार्थी शिक्षक का सम्मान नहीं करते उन्हें ज्ञान प्राप्त नहीं होता यह बात अब आई गई सी लगती है । आज विद्यार्थियों में गिरते मूल्यों का एक मुख्य कारण उनके स्वयं के अभिभावक है । ऐसा क्यों …? प्रताड़ित आज विद्यार्थी नहीं समस्त शिक्षक हैं जो देश का भविष्य निर्माण करते हैं इस विषय पर लिखने

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मेरा भारत 2020

12 अगस्त 2018
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मेरा भारत 2020 (लेख) परतंत्र भारत में नहीं जन्मे न देखी है परतंत्रता भारतीय होकर भी दोस्तों पाश के बंधनों में जकड़ी है हमारी स्वयं की विचारशीलता जी हाँ मित्रों आज स्थिति यह है कि हम स्वतंत्र होते हुए भी परतंत्र हैं । परतंत्र हैं अपने ही विचारों के अपनी ही सोच के

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स्वतंत्र भारत मेरा भारत

14 अगस्त 2018
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वीरों को शत्-शत् नमन करते हुए समस्त देशवासियों को 72वें स्वाधीनता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ ! ***स्वतंत्र भारत… मेरा भारत*** लेख स्वतंत्र है भारत देश हमारा इस मिट्टी के हम वासी हैं । भारत देश की शान की खातिर हर राही के हम साथी हैं । सीमा की रक्षा पर जो वीर तैनात हैं भारतवासी हैं । उनके हर कतरे

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