कलावत के. एल.
लेखक निर्देशक, आत्मरक्षा प्रक्षिक्षक
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप
ब्लैकमेल से आत्मरक्षा
ब्लैकमेल का नाम सुनते ही गहन अंधकार से काले कपड़े पहने काले पुरूष की परछाई प्रकट होती है। क्या? यह गहन अंधेरा हमारे आस-पास है। शायद हमारे पास ही है। यह अंधेरा कब प्रकट हो जाये कहा नहीं जा सकता है। अंधेरे से लड़ने हेतु प्रकाश अवश्य चाहिए। प्रकाश के रूप