प्रेम : प्रार्थना
बहुत हुआ यह खेलम-खेलापूरी हो बिछड़न की वेला अब तो मेरी जान में करार रहने दे ; मेरे प्यार के उस रूप को साकार रहने दे || हो बहुत लिए हम दूर , अब सहा नही जाता मुझसे मुझ बिन जिन्दा नही रही वो , देखा कैसे जाता तुझसे सुन ले मेरी अर्जी एक बार रहने दे ; मेरे प्यार के उस रूप को साकार रहने दे ||गर मुस्काई ज