4 मई 2022
(कर्म-योग और ज्ञान-योग का भेद) अर्जुन उवाच ज्यायसी चेत्कर्मणस्ते मता बुद्धिर्जनार्दन। तत्किं कर्मणि घोरे मां नियोजयसि केशव॥ (१) भावार्थ : अर्जुन ने कहा - हे जनार्दन! हे केशव! यदि आप निष्काम-कर्म म