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कविता-तुकबंदी

21 मार्च 2022

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*कविता-तुकबंदी*


कुछ तो खामियां रही होगी ,


लोग यूं ही बदनाम करते नहीं।


ये तो दौलत का गुरूर है 


वर्ना लोग सलाम करते नहीं।।


क्यों कामनाओं की तुम भी 

अब तो लगाम कसते नहीं।

चौदह वरस वनवास काटा है, 

यूं ही सभी राम बनते नहीं।।

 
कुत्तों के भौकने से हाथी, 

रास्ता बदला नहीं करते।

जो ऐब गैरों के गिनाये 

वो कभी काम करते नहीं।।


आगे बढ़ने के लिए

कुछ तो करना ही पड़ेगा।

ऐसे तो बैठे बैठे किसी को

 दाम मिलते नहीं।।

राना तुम प्रेम की बंशी तो बजाओ।

देखना फिर कैसे श्याम मिलते नहीं।।

***

*- राजीव नामदेव "राना लिधौरी" टीकमगढ़*

           संपादक "आकांक्षा" पत्रिका

जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़

अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email - ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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रचनाएँ
राना कवितावली
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ख्यातिप्राप्त कवि लेखक व संपादक राजीव नामदेव राना लिधौरी टीकमगढ़ (मप्र) की समकालीन कविताएं पढ़िएगा। आज कै दौर व्यंग्य करती कविताएं है तो वहीं प्रेम से सराबोर श्रृंगार की रचनाएं भी पढ़ने को मिलेंगी। कुल मिलाकर सभी रसों का स्वाद पाठकों को जरूर मिलेगा। कमेंट करे आपको किस बिषय की कविता पसंद है। हम आपके दिये बिषय और शब्दों ठर नयी कविताएं भी इसमें जोड़ते जायेंगे।
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