इस रात की सुबह जल्द ही मुस्कुराहटभरी होगी ! आज फिर ,उम्मीद को ओढ़े, सुबह बालकनी में बैठ गई ,पिछले कुछ दिनों की तरह, आज भी तो थी ... हर तरफ़ वही ख़ामोशी !बचपन भी तो सहम गया था ...इक्का- दुक्का लोग ही बाहर थे, टहलते हुए,रुक- रुक कर आती पक्षियों कीचहचहाहट प्रदूषण रहित, साफ़ हवा मगर मीठी- सी हलचल के बिना ..
ये शहर है… मेरा !कल तक जहाँ रंगीनियाँ थीं , आज ख़ामोशी है , बेचैनी है । लगता है ,दस्तक दी है फिर किसी तूफ़ान ने ,हर तरफ़ भाग दौड़ है , आज ,धर्म -जाति से परे सब साथ हैं !इस तूफ़ान से लड़ने के लिए सब तैयार !वैसे , शक्ति तो साथ में ही है । तूफ़ान तो हर बार अलग- अलग वेश में आता
Hindi poem - Hidden Feeling of Love खामोश हूँ आज मैं कुछ तो बात है ये ख़ामोशी क्यूँ है पता नहीं , कुछ तो बात है...हर दिन हर पल एक अजीब एहसास है ज़िंदगी का ये मेरे साथ अच्छा मज़ाक है फिर भी में खामोश हूँ कुछ तो बात है….साथ रहता है कोई तो अच्छा लगता है उस कोई का मतलब क्या