कभी खिली कभी मुरझाई है ज़िन्दगी हर पल में कुछ नया लाई है जी लो ज़िन्दगी जी भर कर जाने किस मोड़ पे किसकी अंतिम बिदाई आई है खुशियाँ हो या गम सब आने जाने है खुशियाँ हो या गम सब आने जाने है एक ही थाली में रोज अलग पकवान सजाने है एक जैसे पकवान जब रोज आते है मन मारके सब पेट भरे जाते है स्वाद खाने का खिल उठता है जब एक साथ चार पकवान मिल जाते है स्वाद खाने का खिल उठता है जब एक साथ चार पकवान मिल जाते है उसी तरह स्वाद ज़िन्दगी का भी खिल उठता है जब अलग अलग व्यंजनो का स्वाद जीवन में मिलता है ख़ुशी हो या गम मुस्कुराए जीते जाओ अपने जीवन में रोज नए स्वाद को अपनाओ हस्ते खेलते यूहीं ज़िन्दगी जीते जाओ हर घडी हर पल में खुशियाँ मनाओ न घबराओ न डर जाओ जो बदलाव है उन्हें खुल के अपनाओ धीरे धीरे ज़िन्दगी सुन्दर लगेगी एक नयी रौशनी जीवन में जगेगी तो चलो फिर आज से एक नया कल बनाओ अपनों के साथ जिन्दगी को भी अपनाओ कभी खिली कभी मुरझाई है ज़िन्दगी हर पल में कुछ नया लाई है जी लो ज़िन्दगी जी भर कर जाने किस मोड़ पे किसकी अंतिम बिदाई आई है
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