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किताबो से मेरी दोस्ती पुरानी है

1 नवम्बर 2017

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featured imageकिताबो से मेरी दोस्ती पुरानी है किताबो ने मुगेह सपने दिये सपने मेरे जीवन का मकसद बन गए मकसदों को हकीकत में बदलने की कूबत भी किताबो ने बक्सी मायूसियों के आलम में किताबो ने हौसला दिया किताबो मेरे लिए परिसताहै वे मेरे दिल को छूती है मै अपने नवजवान दोस्तों से कहता हु किताबो से दोस्ती कर लो BY-DEENDYALSAROJ

14 नवम्बर 2017

राकेश कस्यप

राकेश कस्यप

कज्कोयसियसघक्क्ष

8 नवम्बर 2017

राकेश कस्यप

राकेश कस्यप

भगवान् सहस्त्रबाहू की महिमा और कलार शब्द का अर्थ                     कलार शब्द का शाब्दिक अर्थ है मृत्यु का शत्रु, या काल का भी काल, अर्थात हैहय वंशियों को बाद में काल का काल की उपाधि दी जानें लगी जो शाब्दिक रूप में बिगड़ते हुए काल का काल से कल्लाल हुई और फिर कलाल और अब कलार हो गई.           आज भगवान् सहस्त्रबाहू की जयंती सम्पूर्ण हिन्दू समाज मनाता है. भगवान् सहस्त्रबाहू को वैसे तो सम्पूर्ण सनातनी हिन्दू समाज अपना आराध्य और पूज्य मान कर इनकी जयंती पर इनका पूजन अर्चन करता है किन्तु हैहय कलार समाज इस दिवस को विशेष रूप से उत्सव-पर्व के रूप में मनाकर भगवान् सहस्र्त्रबाहू की आराधना करता है. भगवान् सहस्त्रबाहू के विषय में शास्त्रों और पुराणों में अनेकों कथाएं प्रचलित है.  किंवदंती है कि, राजा सहस्त्रबाहू ने विकट संकल्प लेकर शिव तपस्या प्रारम्भ की थी एवं इस घोर तप के दौरान वे के प्रतिदिन अपनी एक भुजा काटकर भगवान भोले भंडारी को अर्पण करते थे इस तपस्या के फलस्वरूप भगवान् नीलकंठ ने सहस्त्रबाहू को अनेकों दिव्य, चमत्कारिक और शक्तिशाली वरदान दिए थे.             हरिवंश पुराण के अनुसार महर्षि वैशम्पायन ने राजा भारत को उनके पूर्वजों का वंश वृत्त बताते हुए कहा कि राजा ययाति का एक अत्यंत तेजस्वी और बलशाली पुत्र हुआ था “यदु”. यदु के पांच पुत्र हुए जो सहस्त्रद, पयोद, क्रोस्टा, नील और अंजिक कहलाये. इनमें से प्रथम पुत्र प्रथम पुत्र सहस्त्रद के परम धार्मिक ३ पुत्र “हैहय”, हय तथा वेनुहय नाम के हुए थे. हैहय के ही प्रपोत्र राजा महिष्मान हुए जिन्होंने महिस्मती नाम की पुरी बसाई, इन्ही राजा महिष्मान के वशंज कृतवीर्य के पुत्र अर्जुन हुए जो सहस्त्रबाहू अर्थात सहस्त्रार्जुन नाम से विख्यात है. यही सहस्त्रबाहू सूर्य से दैदीप्यमान और दिव्य रथ पर चढ़कर सम्पूर्ण पृथ्वी को जीत कर सप्�ुममम

5 नवम्बर 2017

राकेश कस्यप

राकेश कस्यप

वडवफस्वस्फफफ स्वःफक्क्स्फक

5 नवम्बर 2017

राकेश कस्यप

राकेश कस्यप

वडवफस्वस्फफफ स्वःफक्क्स्फक

5 नवम्बर 2017

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रचनाएँ
deendyalsarojpanday
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मेरा नाम दीनदयाल सरोज है मैआप लोगो के सामने छोटा सा कविता प्रकाशित कर रहा हु मेरा लेख का <sp
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किताबो से मेरी दोस्ती पुरानी है

1 नवम्बर 2017
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किताबो से मेरी दोस्ती पुरानी है किताबो ने मुगेह सपने दिये सपने मेरे जीवन का मकसद बन गए मकसदों को हकीकत में बदलने की कूबत भी किताबो ने बक्सी मायूसियों के आलम में किताबो ने हौसला दिया किताबो मेरे लिए परिसताहै वे मेरे दिल को छूती है मै अपने नवजवान द

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बदलती प्रकृति और मौसमे (By deendyal saroj)

18 मई 2018
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बदलती प्रकृति बदलती हरियाली और बदलता ये जहा ये मौसमे और की मानवों बढ़ती की आबादी ये बरसात के बुँदे और गर्मी में पशीनो की बुँदे ये लेती करवटे मोसमे न वर्षा ऋतू न बसंत ऋतू और गर्मी में भी बरसते बदल के बुँदे एक _दूसरे के

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Sweet Pagal Rap Song लेखक दीनदयाल सरोज

15 जनवरी 2021
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Sweet सा पागल हू ,मस्ती में रहता हु देख भाई तेरा अब वीडियो में रहता है ,पहले तो भाई तेरा isqa में रहता था ,जब भी कॉल आता बिजी बताता था ,दोस्त मेरे मुह पे गाली दे जाते थे जब मेरा Call Busy जो आता था लड़की थी Temu गांव उसकी भानु कहती थी Sweet

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