मुफ्तखोरी किसे कहते है ये क्या आर एस एस और बीजेपी हमे सिखाएगी ?
इस देश के 70% गरीब लोगों को मुफ्तखोर कहना उनका अपमान है बीजेपी ऐसा कहना बंद करे नहीं तो जनता उसे सबक सिखाएगी। गरीबों को उनका पूरा हक़ दे सरकार। जितना पैसा केंद्र और राज्यों से गरीबो के लिए आता है पाई पाई उसके पास पहुँचाने की व्यवस्था करे सरकार। मुफ्तखोरी तो इनके नेता और अधिकारी कर रहे है। सारा गरीब के जनकल्याण का पैसा खाने वाले को मुफ्तखोर कहते है या फिर हक़ का पैसा खाने वाले को मुफ्तखोर कहते है मुफ्तखोर तो वो लोग है जो बड़े बड़े पूंजीपतिओ से कमीशन खा कर उनके हक़ में कानून बनाते है और फैसले लेते है। मुफ्तखोर की परिभाषा आर एस एस हमें ना समझाए हम जानते है की मुफ्तखोरी कौन कर रहा है। मुफ्तखोरी तो देश के भ्रस्ट नेता कर रहे है मुफ्तखोरी तो देश के बाबू लोग कर रहे है मुफ्तखोरी घुस के पैसे खाने वाले को कहते है मुफ्तखोरी कमीशन के पैसे खाने वाले को कहते है। मुफ्तखोरी बेईमानी का पैसा खाने वाले को कहते है मुफ्तखोर दलाली का पैसा खाने वाले को कहते है। हम गरीब तो अपने हक़ का पैसा खा रहे है और मांग रहे है। हम गरीबों को हमारा हक़ मिलना चाहिए। वरना हम उनको सबक सिखाएंगे। हम न तो नेता है न ही सरकारी बाबू और न ही हम दलाल है न ही कमीशनखोर तो फिर हम मुफ्तखोर कैसे हुए।
जब देश के दवा कोम्पनिओ के मालिकों के दबाव में आकर गरीबों के हक़ के विपरीत काम करते है और मुफ्तखोरी को बढ़ावा देते है .तब आरएसएस को इनकी मुफ्तखोरी दिखाई नहीं देती जब देश की जनता को पंद्रह लाख का सपना दिखाया गया और कालेधन कुबेरों के काले पैसे को ठिकाने लगाने के लिए उनसे कमीशन खाया गया तो आरएसएस को इनकी मुफ्तखोरी दिखाई नहीं दिया .आरएसएस को तय करना होगा की मुफ्तखोरी किसे कहते है .