बचपन कभी खत्म नही होता....बस चाहिए वो चाहत....।
जिंदगी की परेशानियां तो कभी खत्म नही होंगी.... हर रोज़ कोई ना कोई परेशानी कोई ना कोई मुसीबत आती रहेंगी....।
जब हम बचपन में होतें है तो जल्दी बड़े होकर कमाने के सपने देखते हैं.... जब कमाने की उम्र में आते हैं तो बूढ़े होकर रिटायर होकर पूरा दिन आराम करने के बारे में सोचते हैं... जब बूढ़े होतें हैं तो बस अपनी जिंदगी के बचे हुए दिन गिनते हैं... अपने बीते हुए कल को याद कर कर के...।।।।।
लेकिन हम ये पुरा जीवन चक्र बहुत ही अच्छे से और खुश होकर भी बिता सकते हैं... अब आप पुछेंगें कैसे....???
जवाब हैं अपने अंदर के बच्चे को जिंदा करके.... 😊
जी हाँ.... खेलने की... मस्ती करने की कोई उम्र नहीं होतीं... हर चीज में.. हर काम में... मस्ती करो.... बिन्दास रहो.. । ।
इस दिल को बच्चा बनाकर रखों.... फिर देखो.... हर मुश्किल खुद ब खुद आसान हो जाएगी....।