15 अप्रैल 2022
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शब्दों का कोई मोल ना बंदे शब्द है अनमोल, रे नाप तोल के बोल तू बन बड़े अनमोल रे़ सोच समझ के बोल तू बंदे शब्द है अनमोल रे D
सच कलम की ताक़त के आगे पहलवान भी पानी मांगे और बिना हथियार इसकी मार जिसे पड़े उसकी आत्मा तक को छलनी छलनी कर दें और गहरे से गहरे घाव भी भर दें बहुत अच्छी प्रस्तुति आपकी लेखनी दिलों पर छाए ऐसी शुभकामना है चलती रहे आपकी लेखनी अनवरत
15 अप्रैल 2022