shabd-logo

मिट्टी की पकड़

16 अप्रैल 2022

28 बार देखा गया 28

ना रास्ते समझ आए ना कभी मंजिल समझ आई
कौन सी है मंजिले थी कौन से रास्ते थे 
अनजाने लोग थे अनजाने रास्ते थे

इंसान जहां पैदा होता है वही उसकी पकड़ मजबूत होती है वहीं से उसकी पहचान होती है वह नई जगह जाता है उसे ना कोई जानता नहीं पहचानता बहुत समय लग जाता है उसे अपना नाम बनाने में अपनी पहचान बनाने में ऐसे ही इंसान है ऐसे ही बड़ा पेड़ है उसको भी कहे हम दूसरी जगह लगाते हैं तो बहुत टाइम लग जाता है उसे जमाने में
मिट्टी की पकड़ जितनी मजबूत होती है उतनी ही जगह उसे हिला नहीं पाती पेड़ पुराना होगा जितना नीचे फैला  होगा उतना ही उसकी जड़े बहुत ही मिट्टी को पकड़े हुए मजबूत होगी ऐसा ही पड़ेगी मैंने देखा जिसे बरगद का पेड़ कहा जाता है उसकी लटे जटा ए सब मिट्टी से जुड़ी होती है और उतनी ही फैलती जाती 
भारती

भारती

बहुत ही बढ़िया 👌🏻👌🏻

16 अप्रैल 2022

12
रचनाएँ
प्रार्थना
0.0
🔴"यदि आप किसी चीज़ के लिए प्रार्थना करने के लिए प्रार्थना करते हैं, तो यह प्रार्थना नहीं है। जब आप किसी चीज़ के लिए उसे धन्यवाद देने के लिए प्रार्थना करते हैं, तभी वह प्रार्थना होती है। प्रार्थना हमेशा एक धन्यवाद होती है। यदि आप कुछ मांगते हैं, तो प्रार्थना अभी भी इच्छा से दूषित होती है। फिर यह प्रार्थना अभी तक नहीं है । असली प्रार्थना केवल तब होती है जब आप अपने आप को प्राप्त कर लेते हैं, जब आप जानते हैं कि भगवान ने आपको पहले से ही बिना मांगे आपके लिए क्या दिया है। जब आपको एहसास होता है कि आपको क्या दिया गया है, आपको कौन से अनंत सूत्र दिए गए हैं, तो एक प्रार्थना उठती है कि आप भगवान से कहना चाहेंगे, 'थैंक्यू।' इसमें और कुछ नहीं बल्कि एक शुद्ध धन्यवाद है। जब एक प्रार्थना सिर्फ एक धन्यवाद है तो यह एक प्रार्थना है। प्रार्थना में कभी कुछ न माँगें; कभी मत कहो, 'यह करो, वह करो; ऐसा मत करो, ऐसा मत करो। ' भगवान को कभी सलाह नहीं देते। जो आपकी बेपरवाही को दिखाता है, जो आपके भरोसे की कमी को दर्शाता है। उसे धन्यवाद दो। आपका जीवन पहले से ही एक आशीर्वाद है, एक आशीर्वाद है। प्रत्येक क्षण ऐसा शुद्ध आनंद है, लेकिन आप इसे याद कर रहे हैं, जो मुझे पता है। इसलिए प्रार्थना नहीं उठ रही है - अन्यथा तुम प्रार्थना का घर बना लेते; तुम्हारा पूरा जीवन प्रार्थना का घर बन जाएगा; तुम वह मंदिर बन जाओगे - उसका मंदिर। उसका धर्मस्थल तुम्हारे होने से फट जाएगा। वह तुम पर फूल बरसाएगा और उसकी सुगंध हवाओं में फैल जाएगी।
1

ईश्वर की कृपा

15 अप्रैल 2022
2
0
0

*ईश्वर कृपा क्या है?*पैसा, आलीशान घर, महंगी गाड़ियां और धन-दौलत ईश्वर_कृपा नहीं है।इस जीवन में अनेक संकट और विपदाएं जो हमारी जानकारी के बिना ही गायब हो जाती हैं, *वह ईश्वर कृपा है।*कभी-कभी सफ़र के दौर

2

लेखनी

15 अप्रैल 2022
3
0
2

कलम ऐसा उपहार हैं लेखक के लिए वो एक हत्यार भी है और घावों का मरहम भी उसकी कलम से वो शब्द निकलते है जो किसी को बिन तीर तलवार के घायल भी कर सकते है और उन पर शब्दो का मरहम भी लगाकते है

3

परमात्मा और प्रेम

15 अप्रैल 2022
1
1
0

इस शरीर में आंखों की गहराई,मन की गहराई से ज्यादाहृदय की गहराई है।ये गहराई इतनी गहरी हैं किइसकी गहराई किसी को पता नहीचाहे तीन लोक की सम्पत्ति भी मिल जाए तो भी हम इसकी गहराई को भर नहीं सकतेन किसी पद से,

4

मिट्टी की पकड़

16 अप्रैल 2022
2
1
2

ना रास्ते समझ आए ना कभी मंजिल समझ आईकौन सी है मंजिले थी कौन से रास्ते थे अनजाने लोग थे अनजाने रास्ते थेइंसान जहां पैदा होता है वही उसकी पकड़ मजबूत होती है वहीं से उसकी पहचान होती है वह नई जगह जात

5

मिट्टी की पकड़

16 अप्रैल 2022
1
1
1

कहानी एक परिवारिक कहानी है जो कि हमें बताती है कि जहां से हम पैदा होते हैं वहीं से हम जुड़े होते हैं कहीं बाहर जाते हैं तो हमें नई पहचान बनानी पड़ती है और नए रास्ते मिलते हैं नए लोग मिलते है

6

प्रेम

27 अप्रैल 2022
0
0
0

प्रेम क्या है...?मैनें सुना है, एक बहुत पुराना वृक्ष था. आकाश में सम्राट की तरह उसके हाथ फैले हुए थे. उस पर फूल आते थे तो दूर-दूर से पक्षी सुगंध लेने आते. उस पर फल लगते थे तो तितलियाँ उड़तीं. उसकी छाया

7

स्वयं को पहचानो

27 अप्रैल 2022
0
0
0

अधिकतर लोग दूसरों के गुण अवगुणों पर अधिक ध्यान देते हैं परन्तु अपनी ओर देखने का अभ्यास बहुत कम लोगों को होता है। बहुत कम लोग इस जीवन में मृत्यु से पूर्व अपने आपको पहिचान पाते हैं’ बहुत कम

8

प्रार्थना

27 अप्रैल 2022
0
0
0

अनुभव करो कि समस्‍त आकाश तुम्‍हारे आनंद-शरीर से भर गया है। सात शरीर होते है। आनंद-शरीर तुम्‍हारी आत्‍मा के चारों और है। इसलिए तो जैसे-जैसे तुम भीतर जाते हो तुम

9

एक शक्ति

27 अप्रैल 2022
1
0
0

एक दूसरे से मिलना केवल संजोग नहीं :.. अब तक आप ना जाने कितने ही लोगों से मिल चुके होंगे और यकीन मानिए अभी यह संख्या और ज्यादा बढ़ने वाली है। इनमें से ज्यादातर लोग तो बस आपके जीवन में आए और गए हों

10

ईश्वर और कृपा

27 अप्रैल 2022
1
1
1

ईश्वर “टूटी” हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है ..जैसे , बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ……मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है….फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है …..और बीज टूटने प

11

चैतन्य

28 अप्रैल 2022
1
1
2

कहते हैः- जैसे तिल में तेल समाया रहता है, वैसे ही इस जड़ शरीर में चैतन्य का वास है।चैतन्य की शक्ति से ही ये जड़ शरीर,हिलता-डुलता, चलता

12

परमात्मा

4 मई 2022
3
0
3

परमात्माप्रेम है एक अनुभूति है भगवान का अर्थ किसी व्यक्ति से नहीं है ।इसलिए यह न पूछें कि उसकी शक्ल क्या है औरवह कैसे रहता है ?भगवान से अर्थ है एक अनुभूति का ।कोई नहीं पूछता है कि प्रेम कैसा है औ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए