माँ की कहानी
maa beta kahaniyaमाँ के हाथों की बनी जब दाल रोटी याद आईपंचतारा होटलों की शान शौकत कुछ न भाई बैरा निगोड़ा पूछ जाता किया जो मैंने कहासलाम झुक-झुक करके मन में टिप का लालच रहाखाक छानी होटलों की चाहिए जो ना मिलाक्रोध में हो स्नेह किसका? कल्पना से दिल हिलाप्रेम मे नहला गई जब जम के तेरी डांट खाईमाँ के हाथ