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टेलीविजन का सतरंगी सफर...

22 नवम्बर 2022

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टेलीविजन शब्द की उत्पत्ति ग्रीक प्रिफिक्स 'टेले' तथा लैटिन वर्ड' विजिओ' से मिलकर हुई है।इसके आविष्कारक जॉन लॉगी बेयर्ड हैं,जिन्होंने वर्ष 1925,लंदन में इसका आविष्कार किया था।दिसम्बर 1996, यूनाइटेड नेशन जनरल असेम्बली ने 21 दिसम्बर  को वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाने का फैसला लिया। वास्तव में टेलीविन का आविष्कार एक इडियट बॉक्स से लेकर आज स्मार्ट टीवी के रूप में हुआ है।यह हमें देश दुनिया से जोड़कर दर्शकों तक सूचना,जानकारी, मनोरंजन तथा शिक्षा  को पहुँचाती है।आज टीवी का मार्किट इतना उच्च तकनीक युक्त हो गया है कि हम वायरलेस टेक्नोलॉजी के कारण तथा उच्च पिक्चर क़्वालिटी के साथ वास्तविकता को अनुभव कर पाते हैं।टेलीविजन हमारी जिंदगी का अभिन्न हिस्सा है।आज अगर हम टेलीविजन के विकासक्रम को देखें तो यह सतरंगी सफर बहुत ही रोचक है।ब्लैक एंड वाइट की दुनिया से हम वास्तविकता के साथ रंगीन दुनिया को हम महसूस कर पा रहे हैं।असल में टेलीविजन के विकास की कहानी तभी हो गयी थी जब ग्राहम बेल और थॉमस एडिसन ने आवाज और फ़ोटो को एक साथ ट्रांसफर करके वर्ष 1830 में दिखाया था।भारत में टेलीविजन का पहला प्रसारण सन 1959,15 सितंबर को किया गया था।कलर टेलीविजन का प्रसारण वर्ष 1982 को किया गया था।टेलीविजन अब मनोरंजन ही नही,बल्कि कंप्यूटिंग और कनेक्टिविटी के लिए भी इस्तेमाल किये जा रहे हैं।वर्तमान में टेलीविजन के साइज में भी बढ़ोत्तरी हुई है,आज 325 इंच तक के टेलीविजन उपलब्ध हैं।article-image

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16 अक्टूबर 2022
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26 अक्टूबर 2022
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14 साल की प्रतीक्षाओं का अंत हो रहा था। किसी को कुछ सूझ न रहा। भरत जी ने कहा सब लोग नंदिग्राम चलें। लोग दौड़ पड़े। गोस्वामी जी कहते हैं किसी को वृद्धों की भी परवाह न हुई। राम अयोध्या आ रहे थे। मर्यादा

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