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सिद्धांतों से कभी समझौता न करें....

11 नवम्बर 2022

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सिद्धान्तों से हमें कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए।जीवन में हमारे कुछ सिद्धांत होते हैं,उनका पालन करना चाहिए।सिद्धान्तों के कारण ही प्रत्येक चीज चाहे वो मानव हो या पदार्थ,सबकी मौलिकता होती है,और इसी से अपना अस्तित्व बनाये रखते हैं।एक इंसान तभी तक एक इंसान बना रह सकता है,जब तक उसके भीतर इंसान होने का गुण-धर्म सहेजने वाली मौलिकता है।यही कारण है कि पूरी दुनिया में इंसान की मनोवृत्ति के अनुरूप काफी श्रेणियां हो गई हैं।बहुत कम संख्या में लोग हैं जो पूरी जिंदगी अपने मानवीय गुण-धर्म को बचाये रखते हैं।बहुत सारे ऐसे हैं,जो अपने भीतर की इंसानियत को परे धकेलकर शैतानियत को अपना लेते हैं और जमाने भर के लिए मरते दम तक नासूर बने रहते हैं।इंसान के रूप में पैदा होना जितना सरल है,जीवन भर के लिए इंसानियत को सहेजकर रखना और मानवीय उसूलों पर चलना उतना ही दुष्कर है।ईश्वरीय अनुकंपा और पुराने जन्म के फलस्वरूप ही इंसान अपने आप को इंसान के रूप में प्रकट कर सकता है,अन्यथा बहुत सारे लोग हम रोजाना ऐसे दिखते  हैं ,जो कि ऐसे सज-धजकर निकलते हैं,ऐसे लच्छेदार और लुभावनी बातें करते हैं कि लगता है जैसे इनके मुकाबले कोई महान इंसान मिलना संभव ही नहीं है,लेकिन जब-जब इनके इंसानी गुण-धर्म की खोज करते हैं तब हमें घोर निराशा हाथ लगती है।आजकल जो जैसा दिखता-दिखाता है,वैसा होता नहीं है।article-image

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