इस पुस्तक में मैं कृष्ण के जन्म से लेकर कंस वध तक की लीला को काव्य रूप में मात्रिक छंद के रूप में प्रस्तुत करूंगा।
0.0(0)
0 फ़ॉलोअर्स
2 किताबें
दिव्य कृष्णलीला 1 से 4 बंद ********************************************************** हे पूर्ण कला के अवतारी ,गुणगान नही तेरा सम्भव। हे नटवर नागर गिरधारी, यशगान नहीं तेरा सम्भव। 00 *********