shabd-logo

अमावस्या वो काली अंधेरी रात २

15 जून 2022

21 बार देखा गया 21
empty-viewयह लेख अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं है कृपया इस पुस्तक को खरीदिये ताकि आप यह लेख को पढ़ सकें
3
रचनाएँ
छलिया चुड़ेल
0.0
ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना हो जाता उसपर मर मिटने को उतारू हो जाया करता था, अपने हुस्न के जाल में उसने कई लोगों फसाकर कर उनका शिकार किया था, थी तो वो हजारों वर्ष पुरानी चुड़ेल उसका हुस्न उसका रूप रंग सब एक छलावा था, उसका असली रूप तो बेहद घिनोना और डरावना था, जिसको देख सांस तक हलक में अटक जाती थी, उस चुड़ेल के अपने हुस्न की सुंदरता में फसाके लोगों का शिकार करने प्रकार को जान कर देख कर गाँव के लोगों ने उस चुड़ेल का नाम( छलिया)  छलिया चुड़ेल रख दिया था! छलिया मौत का दूसरा नाम! आइये कहानी को आगे ले चलते हैं
1

छलिया चुड़ेल

10 जून 2022
2
1
2

ये कहानी है एक ऐसी चुड़ेल की जो बला की खूबसूरत दिखाई देती थी उसकी आँखे काली काली जिसको देख कर लोग उसकी आँखों में डूब जाया करते थे ,सुंदरता ऐसी थी की जो उसे देखकता था ,उसके हुस्न का कायल हो जाता दीवाना

2

आंवस्या वो काली अंधेरी रात १

15 जून 2022
0
0
0

शहर से बाहर जाने वाले रास्ते पर एक ढाबा था। शहर से अच्छी खासी दूरी पर वो ढाबा था, तक्रिबंन १५ किलोमीटर की दूरी पर था , विक्रांत - विक्रांत ढाबा, ढाबे का नाम था। आने जाने वाले वाहन ट्रक आदि

3

अमावस्या वो काली अंधेरी रात २

15 जून 2022
0
0
0

आखिर मुरलीधर जी अचानक कहाँ गायब हो गए। आइये आगे कि रचना में देखतें हैं अब आगे,,,,,,,, अमर मुरलीधर जी को वहाँ ना पाकर और भी ज्यादा घबरा गया था। और इधर उधर मुरलीधर जी को खोजते हुए आवाज लगा रहा

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए