मेरी यह कहानी एक ऐसे पात्र की है जो अपने जीवन में ऐसे आगे बढ़ता है कि वह सोच ही नहीं पाता कि जीवन भी ऐसा होता है। जीवन के हर रास्ते पर हर व्यक्ति को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है , मुश्किलों को पार - पार करते करते वह इतनी दूर चला जाता है कि वह सोच ही नहीं पाता कि वह किस पड़ाव पर आकर रुका हुआ है। वह इस रास्ते पर चलते चलते अगर कुछ अपने साथ लिया रहता है तो वह एक ही चीज है वह है " धैर्य "। उसका धैर्य ही उसको इन रास्तों पर चलने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। जीवन की सच्ची सच्चाई से सामना करता है और स्वयं जीवन से भी परिचित कराता है यह धैर्य। आप इस कहानी से धैर्य से पढ़े और मेरे साथ धैर्य बनाए भी रखें।