मनीषा बड़ी तेज़ी से जा रही थी , आज उसे कॉफी हाउस पहुंचने की बहुत जल्दी थी , कई रिक्शे वाले को हाथ दिखाया पर कोई कॉफी हाउस जाना ही नही चाहता था जैसे कॉफी हाउस में कर्फ्यू लगा हो ,जो रुकते वह भी मना कर दे रहे थे , कुछ देर इंतजार करने के बाद वह पैदल ही चल दी थी , पिछले बीस मिनट से वह रिक्शे रोक रही थी , पर कोई जाने के लिए तैयार नहीं था , जबकि उसे जाना मुश्किल से डेढ़ किलोमीटर ही था , तो वह पैदल ही चल दी , !!
मनीषा एक बीस वर्षीय सुंदर और आकर्षक लड़की थी , जो एक बार देख लेता तो दुबारा देखने ललाइत अवश्य हो जाता , वह कॉमर्स की फाइनल ईयर की छात्रा थी !!
आज उसके मन में बहुत सारी बाते चल रही थी ,वह बार बार अपना चेहरा अपने पर्स में लगे छोटे से आईने में देख ले रही थी , कई बार उसने चलते चलते अपनी सेल्फी ले ले कर भी चेक कर ले रही थी , अब इतनी सुंदर लड़की को बार बार अपना चेहरा देखना अपने आप में चुगली कर रहा था की आज वह पहली डेटिंग में जा रही थी , !!
वैसे तो आजकल तेरह चौदह साल के लड़के लड़कियां भी डेटिंग करने लगे हैं , पर मनीषा का आज की पहली डेटिंग का मतलब तो ये था की आज तक उसने किसी का साथ फ्रेंड शिप कि ही नहीं , !!
मनीषा के पिता ,सरकारी विभाग में बड़े ऑफिसर थे ,गाड़ी बंगला सब सरकारी मिला था , घर में पर्सनल कार भी थी ,और मनीषा के पास तो अपनी स्कूटी भी थी जिस से वह रोज कॉलेज आती जाती थी , !!
पर आज वह अपनी स्कूटी लेकर नही निकली थी , उसके स्कूटी को सभी पहचानते थे , और यदि उसने कॉफी हाउस के सामने खड़ी की तो दो चार सहेलियां तो पक्की उसकी गाड़ी देख अंदर आ ही जाती ,आज वह कॉफी हाउस के अंदर बने कैबिन टेबल का फायदा उठाना चाहती थी ,जब भी वह कॉफी हाउस आती तो केबिन में बैठे युगल जोड़ों को देख उसे ईर्ष्या होती की वह कब अपनी चाहत के साथ बैठकर कॉफी पाएगी और देर तक गप्पे मारेंगी ,*"!!
आज वही दिन आ गया था ,वह बचपन से अपने स्कूल सहपाठी दर्शन राठी से प्यार करती थी ,*"!!
दर्शन पहले उसके पड़ोस में रहा करता था , उसके पिता भी बड़े ऑफिसर थे और दोनो के बंगले आस पास में लगे हुए थे, दर्शन सुंदर और स्मार्ट था दोनो की जोड़ी बहुत सुंदर थी , घर के लोग कभी कभी मजाक में कहते थे की इन दोनो की जोड़ी बहुत अच्छी है क्यों न इनकी शादी कर दी जाए, और उसी बात को लेकर मनीषा के दिलो दिमाग में सिर्फ और सिर्फ दर्शन ही था उसके अलावा वह कुछ सोच भी नही पाती थी , दर्शन के पिता का ट्रांसफर होने के बाद कई दिन तक वह रोती रही थी , दर्शन ने भी जाते हुए कहा था , *" मनीषा मैं शादी करूंगा तो तुमसे ही वरना कभी भी शादी नही करूंगा ,कुछ दिनों तक लैंड लाईन पर फोन आता रहा , फिर उसके पिता का भी ट्रांसफर हो गया ,नंबर बदल गए और दोनो के बातचीत का सिलसिला खतम हो गया , यह तो भला हो सोशल मीडिया का जिसने दोनो प्रेमियों को फेसबुक पर फिर से मिला दिया , कुछ दिन मोबाइल पर बातचीत का सिलसिला चलता रहा ,दोनो ने फिर से प्रेम का इजहार कर लिया था , और मिलने की तड़प बढ़ गई थी ,मनीषा ने तो कई बार कहा भी की वह इंदौर आ जायेगी पर दर्शन यह कहता रहा की वह उसे अहमदाबाद ही आकर मिलेगा , और वह दिन आज आया जब सुबह सुबह दर्शन ने कहा वह अहमदाबाद आ चुका है , और आज ही उस से मिलना चाहता है , तय हुआ कि उसके घर के पास ही बड़ा फेमस कॉफी हाउस है जहां स्नैक्स भी अच्छे मिलते हैं और चाय कॉफी तो कमल का मिलता था ,*"!!
मनीषा और दर्शन वैसे कई बार वीडियो कॉल पर भी बात कर चुके थे ,
कॉफी हाउस पहुंचते ही मनीषा के दिल की धड़कने तेज होने लगी थी , वह समझ नही पा रही थी की अपने प्रेमी के सामने पड़ने पर उस से किस प्रकार मिलेगी ,क्या कहेगी , जबकि वह अब छोटी बच्ची नही थी , पर प्यार तो प्यार ही होता है , और प्यार में पहली बार मिलने जाना अपने आप में एक अलग ही उत्तेजना होती है , बचपन में और अभी में बहुत फर्क हो गया था , तब की सीधी साधी साधारण सी लड़की मनीषा अब एक सुंदरी थी , उसके लिए तो सामने से कई रिश्ते भी आए कॉलेज में भी लडको ने बहुत ट्राई किया पर वह तो अपने बचपन के प्यार के भरोसे ही थी ,उसने तो सोच लिया था की उसकी पूरी कोशिश यही रहेगी की दर्शन के ही दर्शन हो जाए और वह उसकी ही जीवन संगिनी बने ,इस उधेड़। बन में सोचती हुई कब दर्शन के सामने खड़ी हो गई उसे पता ही नही चला , सामने खड़ा दर्शन उसे बड़े ध्यान से देख रहा था , वह बचपन में बहुत स्मार्ट था पर अब मनीषा के सामने वह काफी फीका लग रहा था , मनीषा भी उसे ध्यान से देखती है उसकी आंखो आंसु निकलते हैं , दर्शन उसे गले लगाता है , और कहता है , *" तुम तो बहुत ही सुंदर हो गई हो , वैसे तो तुमने जो पिक्स भेजे थे उस से ही समझ आ गया था और वीडियो कॉल में भी देखा ही था पर अब देख कर तो मन ही डोल गया ,*"!!
मनीषा शर्मा सी जाती है और कहती है ,*" तुम्हारे लिए ही तो यह सुंदरता बना रखी है , अब तक तुम्हारा ही इंतजार कर रही थी ,**!!
दर्शन कहता है *" चलो अंदर कैबिन में बैठकर बात करते हैं बहुत सारी बाते करनी है ,*"!!!
दोनो ही कैबिन में जाकर बैठते हैं , वेटर ऑर्डर लेने आता हैं वह ऑर्डर लेकर जाता है , दोनो एक दूसरे की आंखो में को से जाते हैं , मनीषा तो उसे देखती ही रहती है ,खूब बोलने वाली मनीषा की बोलती ही जैसे बंद हो गई थी , ,*"!!
दर्शन चुप्पी तोड़ते हुए कहता है , *" बहुत प्यारी लग रही हो , तुम्हे देखते ही बचपन की यादें ताजा हो गई , मैं भी कई दिन तक रोता रहा था तुम्हारे लिए , कई बार सोचा भाग कर तुम्हारे पास आ जाऊं ,,पर डर भी लगता था , मैं एक बार स्टेशन तक गया भी पर आगे की हिम्मत ही नहीं पड़ी और अच्छा ही हुआ तुम लोग भी तो वहां से चले गए थे में तो परेशान हो जाता , *"!!
मनीषा कहती है ,*" तुम्हारा एक्सपोर्ट इंपोर्ट का बिजनेस अच्छा चल रहा हैं ,*"!!
दर्शन कहता है , *" बहुत ही जबरदस्त , आज यहां भी कुछ माल की डिलीवरी थी , तो सुबह सुबह आना पड़ा ,*"!!
मैने तुमसे कई बार पूछा ,*" क्या एक्सपोर्ट और इंपोर्ट करते हो ,*"!!
दर्शन कहता है ,*" हमारी कंपनी सर्विस प्रोवाइड करती है ,जैसे तुम्हारा समान समझो इंदौर भेजना है ,तो हम भेज देंगे और वहा से दूसरा माल लेकर आ जाते हैं, ऐसे ही विदेशों से भी आना जाना लगा रहता है , दर्शन मनीषा से चार साल बड़ा था , पिछले दो सालों से अपना कारोबार शुरू किया था ,अभी तीन महीने पहले ही इनकी फेस बुक पर मुलाकात हुई थी, *"!!
दर्शन कहता है ,*" तुम्हे देख लग रहा है कि एकाध महीने में ही शादी कर लूं , !!
मनीषा कहती है , *" आज ही चलो मम्मी पापा से मिल लो , *"!!
दर्शन कहता है , दो दिन बाद फिर से आऊंगा तो सीधे घर आऊंगा ,*"!!
वह एक पैकेट उसके हाथ में रखकर कहता है ,*" ये तुम्हारे लिए पहली मुलाकात की छोटी सी भेट ,घर जाकर देखना और अब ये मत पूछना की क्या है ,सर्पराइज ही रहने दो अभी ,*"!!
मनीषा ने घर पर अभी कुछ बताया नही था , उसने सोचा था की पहली बार मिलने के बाद ही घर में कहेगी , !!
वह पैकेट लेती है तभी अचानक कुछ लोग उनके केबिन में घुस आते है , दर्शन उन सबको देख घबरा सा जाता है , और कहता है *" कौन हो तुम लोग केबिन में कैसे आ गए ,*"!!
एक आदमी उसका कॉलर पकड़ कर कहता हैं ,*" यह तो पुलिस थाने में चलकर पता चलेगा ,ये लड़की कौन है , ये भी तुम्हारे ग्रुप की है या फिर इसकी भी सेटिंग कर रहा है ,*"!!
मनीष हक्का बक्का रह जाती है ,फिर वह कहती है ,"" ये आप लोग क्या कह रहे हो , मैं तो अभी अभी आई हूं पास ही मेरा घर है कई सालो बाद मैं इस से मिली हूं ,मेरे फादर को आप जानते होंगे रतन कुमार रिटायर्ड जज हैं ,*"!!
ऑफिसर कहता है ,*" ओहो आप उनकी लड़की होकर इस दल्ले के साथ कैसे बैठी हो ,*"!!
मनीषा चौक कर कहती है ,*" क्या कह रहे है सर इसका तो एक्सपोर्ट इंपोर्ट का बिजनेस है , **!!
ऑफिसर कहता है ,*" हां है ना देश की लड़कियां विदेश भेजना और वहां की लड़कियां यहां ले आना ,आज भी इंदौर से पांच लड़कियां लेकर आया है उसमे से एक भाग कर हमारे पास आ गई , हम इसका पीछा बहुत देर से कर रहे थे ,इसकी पूरी जानकारी निकालने के बाद ही इसके ऊपर हाथ डाला है ,इसके फादर भी तो रिटायर्ड सरकारी वकील हैं ,!!
मनीषा गुस्से से दर्शन को देखती है ,और उसका गिफ्ट उसके मुंह पर मारती है और कहती हैं *" भगवान की कृपा से मैं बच गई , तुमने मुझे बहुत बड़ा धोखा दिया ,तुम कभी भी खुश नही रहोगे ,*"!!
वह रोती हुई बाहर जाती है ,उसके कई वर्षो के सपने एकदम से धाराशाई हो गए थे वह बाहर टेबल पर बैठ कर रोने लगती है , पुलिस उसके सामने दर्शन को हथकड़ी पहना कर ले जाती है , मनीषा लड़खड़ाते कदमों से उठती है , और धीरे धीरे घर की ओर बढ़ती है , उसके अरमानों का गला घुट चुका था , पर उसे एक दलदल में गिरने से बचा भी लिया था ,!!
वह अपने आंसु पोंछ कर सबसे पर दर्शन का नंबर डिलीट करती हैं उसे लगता है जैसे उसने उसे अपने जीवन से डिलीट की हो ,!!
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