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मेरे गांव की दो सखी

21 दिसम्बर 2023

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भाग -3





गीता जी सब्जी काटकर चुलहे में लकड़ी देते हुए बोली , अगर तुम दोनों महारानी का गप्प हो गई है तो जरा सरस्वती आटा गूंथ लें। मेरा मन नहीं है मां तुम ही गूंथ लेना तब तक हम दोनों घुमकर आते हैं। 


गीता जी सरस्वती कहते रह गई.....
और ये दोनों अपने ही बातों में चली जा रही थी।
अंजलि की मां मेघा जी दोनों को साथ देखकर अंजलि को बुलाने लगी। और कही शाम में कहा जा रही हो अब उमर नहीं रहा । बच्ची नहीं रही तुम दोनों और सरस्वती की ओर देखते हुए बोली इसका तो कोई कहने वाला नहीं है
इसलिए तो किसी से डरती नहीं है हमेशा अपने मन की करती है।






क्या मां फिर से शुरू हो गई। आती हूं चौक पर से पापा के पास से । तब तक खाना बना लेना लेट हो जाएगी। 
और मेघा जी के बिना बात सुनें चली गई।....



रास्ते में सरस्वती के पापा भोला जी अपनी ही मग्न में दारू पीकर और हिलते डुलते आ रहे थे । और बगल में लोग कह रहे हैं देखों इसका सब दिन का रिवाज है कौन सब दिन इसके घर तक पहुंचा आएगा। एक दिन का थोड़े है जो दें आएंगे। 


नशा इतना था कि ठीक से भोला चल नहीं पा रहे थे।
सरस्वती ने लोगों को बाते बनाते देखकर अपने पापा के पास गई और उनको घर पर ले जाने लगी। अंजलि बोली मैं दुकान से पापा के पास सामना लेकर आती हूं।

तब तक सरस्वती अपने पास को घर लेकर चली आई और उनके कमरे में जाकर सुला दी। खाना रात में कम ही खाते हैं क्यों कि पी कर जो हर रोज आते हैं।





हर लड़की की पिता हीरो होते हैं और सरस्वती फिर भी इतना ख़राब स्थिति में भी अपने पापा की हर छोटी-बड़ी बातें, कपड़ा खाना पीना दवा का ध्यान रखती है।  और वही राजीव इनके इस दशा को देखकर देखने तक नहीं जाता था। सरस्वती और गीत जी खाना खाकर  दूसरे कमरे में चली गई।   




और इधर अंजलि अपने पास से दुकान पर समान लेकर  अपने पापा के साथ घर चली आई। तब तक मेघा जी खाना बना चुकी थी।   शिवम और  आरती को घर आकर अंजलि एक घंटा पढ़ाई। और ख़ुद भी पढी। 


दोनों छोटे थे तो आरती पांचवीं और शिवम चौथी कक्षा में पढ़ता था।हर दिन तीनों भाई बहन शाम के समय दो घंटा पढ़ाई किया करता था। 

मनोज और मेघा जी दोनों कुर्सी पर बैठकर अपने आंगन में बातें कर रहे थे। और दुकान के भी बातें तथा अंजलि के लिए एक लडका देखने की बात एक अपने ग्राहक ने किया है। उनको कहे हुएं थे कि थोड़ा लड़का देखिएगा।

तो वहीं आज मुझे कहने आएं थे। तब मेघा जी ने कहें अभी उम्र क्या हुई है जो शादी करने की बातें कर रहे हैं। दो तीन साल और रूकिए। 





पढ रही है बारहवीं के बाद देखा जाएगा । आप को क्यों जल्दी है बेटी की शादी करने में। 


ऐसी कोई बात नहीं है मनोज जी बोले, तब फिर मेघा जी कहे आप को बेटी भारी लग रही है क्या जो कह रहे हैं। 
तब फिर मनोज बोले मैं तो बस  तुझे से कह रहा था।

थोड़े आज ही शादी कर रहा हूं जो आप मुझ पर गुस्सा कर रही हो।

जारी है...


देव ऋषि ✨ प्रारब्ध ✨✍️✍️

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रचनाएँ
मेरे गांव की दो सखी
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दो बहन की कहानी ,उसके व्यक्तित्व से लेकर, उसकी जिन्दगी के हर पहलू को देखने को मिलेगी, साथ ही साथ आप लोग को इस कहानी में अलग अलग किरदार जो आप लोगों को मन मोह लेंगे। तो पढ़ते रहिए ... मेरे गांव की दो सखी..
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