चांद से आज भी मेरी बहुत दूरी है
यह जमीं पे रहने की मजबूरी है
दिल लगाने से ये दिल जल जाए सही
इस लगन के बिना जिंदगी अधूरी है
तुम जो मिल जाओ तो सब कुछ मिल जाए
ना मिलो तो तबियत में फकीरी है
नींद खुल जाए अपनी ही मौत से पहले
इसलिए ख्वाबों का टूट जाना जरूरी है