मां मेरी ममता की मूरत
माँ मेरी चांद सी खूबसूरत
कभी दया का पाठ पढ़ाती
दिल में कोई आस जगाती
घर को अपना स्वर्ग बनाती
सपनों की मेरी बगिया सजाती
मैं हूं उसकी एकमात्र जरूरत
मां मेरी ममता की मूरत
माँ मेरी चांद सी खूबसूरत
नानी बनकर सुनाती कहानी
कोई पाठ पढाए बनकर ज्ञान ी
घर में नहीं चलती मेरी मनमानी
बन जाती हूं उसकी गुडिया रानी
आंखों में सदा बसती उसकी सूरत
मां मेरी ममता की मूरत
माँ मेरी चांद सी खूबसूरत