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"मेरी लाडली "

20 सितम्बर 2023

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देखो ना कितनी शांत हैं, आज मेरी लाडली,
देखो कैसे खामोश सोई है,आज मेरी लाडली,
बिना पलके झपकाये आज मुझे देख रही है मेरी लाडली,
देखो ना आज फिर से श्रृंगार से सजी हैं, मेरी लाडली ,
देखो ना मैं बुला रहा हूं,
फिर भी आज नही आ रही है, मेरी लाडली,
मेरी एक आवाज से पूरे आंगन को जगा देती थीं,
लेकीन आज शांत बैठी है मेरी लाडली,
देखो ना सबको हंसाने वाली,
आज अपने पापा को रुला रही है, मेरी लाडली,
देखो ना अर्थी में सजी हैं, मेरी लाडली,
पलको पे पाला जिसे,
आज दहेज के लिए मार दी गईं हैं, मेरी लाडली 
sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

समाजिक कुर्ति को आइना दिखाती ,बहुत हृदय स्पर्शी रचना लिखी है आपने।

24 सितम्बर 2023

Manish Kumavat

Manish Kumavat

25 सितम्बर 2023

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