जीवन का सत्य (अतीत से सबक )डॉ शोभा भारद्वाज सिकंदर ग्रीक शासक विश्व विजय करने निकला लेकिन भारत से लौटते समय बिमारी से उसकी मृत्यू हो गयी वह स्वदेश लौट नहीं सका नेपोलियन , हिटलर ,मुसौलिनी काल के गाल में समा गये दुनिया जीत कर आपस में बांटना चाहते थे केवल जापान का राजा हिरोहितो बचा रहा कई वर्ष तक जा
प्यार था वक़्त नहीं जो बीत गया दो पल में तू बनके याद रहे फ़रियाद रहेगा दिल में क्यूँ अब एक लफ्ज़ नहीं दिल कहने की हालत में Read More Full Lyrics
मानव जीवन है मिला , कर ले प्रभु का ध्यान। धन दौलत कामोह तज, त्याग सकल अभिमान।। इस जीवन का सार है, कर ले प्रभु से प्रीत। परम गति यदि पा सका, तो है सच्ची जीत।। प्राणी आया जगत में, क्या है इसका अर्थ। काम क्रोध मद लोभ में,फँस कर मत