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मस्तान (दिल्ली का बाग़ी सरफ़रोश)

विनीत बाजपेयी

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5 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9789389237177

व्यापारिक कम्पनी के रूप में जब एक क्रूर शासक के कदम इस धरती पर पड़े, तो उसने समग्र उप महाद्वीप को अपना गुलाम बनाने के लिए बंदूक से लेकर अफीम तक का भरपूर इस्तेमाल किया | यहाँ तक कि शेर-ए-मैसूर, टीपू सुल्तान भी विकराल अंग्रेज सेना का शिकार हो गया | एक सदी की दासता और प्रताड़ना सहने के बाद... बगावत की तड़प बुलंद हो रही थी | जब पूरे हिंदुस्तान में सिपाहियों के बागी तेवर सिर उठा रहे थे, तो दिल्ली सबसे पहले लहूलुहान हुई, और लड़खड़ाते मुग़ल साम्राज्य का सिंहासन उस ग़दर का केंद्र बना | अपने प्रिय शहर की तबाही पर एक महान शायर के दिल की आह, और एक सनकी बादशाह की महत्वाकांक्षा लाल किले के उस ऐतिहासिक नरसंहार के साक्षी बने | और तोपों की दहाड़, क्रूर मुकाबलों, नशीले मुशायरों, भुतहा खज़ानों और हसीन तवायफों के जलवों के बीच जन्म लिया जाबांज मस्तान की अमर दास्ताँ ने | क्या सच में एक अकेले योद्धा ने आज़ादी के लिए लड़े गए, इतिहास के सबसे महानतम युद्ध की दिशा बदल दी थी? 

mstaan dillii kaa baaghhii srfrosh

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