पंडित जी हवन करते समय एक
चम्मच घी आग में ङालते और
एक चम्मच घी अपने ङिबबे मे ङालते जा रहे
थे!
पास बैठे अपने एडमिन साहब चिल्लाकर बोले,
“घृतम चोरम, घृतम चोरम !”
पंडीत जी एडमिन साहब को चुप कराते हुए
बोले,
“पुत्र ना कर शोरम, ना कर शोरम!
आधा तोरम,
आधा मोरम”
ॐ स्वाह ॐ स्वाह ॐ स्वाह !!
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आज कल के बच्चे रिफ्रेश होने के लिए
जहाँ वाटर पार्क,
गेम सेंटर जाने की जिद करते हैं …
वहीं हम ऐसे बच्चे थे जो मम्मी-पापा के एक झापङ से ही फ्रेश हो जाते थे.!
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वो भी क्या दिन थे….?
जब बच्चपन में कोई रिश्तेदार जाते समय 10 ₹ दे जाता था..
और माँ 8₹ टीडीएस काटकर 2₹ थमा देती थी….!!!
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जुड़वां बच्चे अपने कमरे में बैठे थे।
एक हंस-हंस के लोटपोट हो रहा था, जबकि दूसरा उदास था।
पिता: इतना क्यों हंस रहे हो?
बच्चा: इतनी ठंड में मम्मी ने दोनों बार
इसी को नहला दिया …!