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हँसते-हँसते हो जाओगे लोटपोट!

5 नवम्बर 2015

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टीचर: सच ओर वहम में क्या फ़र्क़ है ?

स्टूडेंट: आप जो हमें पढ़ा रही हैं वो सच है, लेकिन हम सब पढ़ रहे हैं ये आपका वहम है…….


लड़की –
बादल गरजे तो
तेरी याद आती है
सावन आने से
तेरी याद आती है
बारिश की बुंदों में
तेरी याद आती है

लड़का-
पता है पता है तेरी छतरी मेरे पास पड़ी है लौटा दुंगा, मर मत….


बंटू को सड़क पे 100 का नोट पड़ा मिला,

संटू – भाई क्या कर रहे हो?

बंटू – यार मैं इस 100 के नोट पे लिखे नम्बर को

मोबाइल से डायल कर रहा हूँ,

संटू – क्यों?

बंटू – अबे मैं देख रहा हूँ कि

गांधी जी तो चले गए उनका मोबाइल किसके पास है


एक बार एक तोता उड़ रहा था फुल स्पीड पर.

उसके सामने अचानक फुल स्पीड में एक फरारी आ रही थी, दोनो की टक्कर हुई…

तोता बेहोश होगा या, रास्ते में एक भिकारी था उसने तोता को उठाया और घर ले गया.

उसको मरहम लगाया और पिंजरे में रख दिया.

जब तोता को होश आया, उसने अपने आप को पिंजरे में देखा.

और बोला, “आईला… जेल… वो फरारी का ड्राइवर मर गया क्या ??


23 दिसम्बर 2016

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रचनाएँ
halkifulkibaatein
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मच्छर चालीसा!

10 सितम्बर 2015
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ओम जय! मच्छर देवा,स्वामी जय! मच्छर देवा,रात को सोने ना दो तुम,काट-काट करते हो बेहाल तुम,खून पियों सबका,ओम जय! मच्छर देवा!मलेरिया एवं डेंगू के तुम हो दाता,किसी का निद्रा-सुख तुम्हे ना भाता,राग सुनाते हो ऐसा,ओम जय! मच्छर देवा!

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एअर कंडीशन नेता ( हास्य कविता )

27 अक्टूबर 2015
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ओ घोड़ी पर बैठे दूल्हे क्या हँसता है! ( हास्य कविता )

27 अक्टूबर 2015
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ओ घोड़ी पर बैठे दूल्हे क्या हँसता है!!देख सामने तेरा आगत मुँह लटकाए खड़ा हुआ है .अब हँसता है फिर रोयेगा ,शहनाई के स्वर में जब बच्चे चीखेंगे.चिंताओं का मुकुट शीश पर धरा रहेगा.खर्चों की घोडियाँ कहेंगी आ अब चढ़ ले.तब तुझको यह पता लगेगा,उस मंगनी का क्या मतलब था,उस शादी का क्या सुयोग था.अरे उतावले!!किसी

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हंसी एक्सप्रेस

27 अक्टूबर 2015
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सरदार पटेल

31 अक्टूबर 2015
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हँसते-हँसते हो जाओगे लोटपोट!

5 नवम्बर 2015
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टीचर: सच ओर वहम में क्या फ़र्क़ है ?स्टूडेंट: आप जो हमें पढ़ा रही हैं वो सच है, लेकिन हम सब पढ़ रहे हैं ये आपका वहम है…….लड़की –बादल गरजे तोतेरी याद आती हैसावन आने सेतेरी याद आती हैबारिश की बुंदों मेंतेरी याद आती हैलड़का-पता है पता है तेरी छतरी मेरे पास पड़ी है लौटा दुंगा, मर मत….बंटू को सड़क पे 100

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मुस्कुराते रहो!

18 नवम्बर 2015
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पंखा पुराण (हास्य कविता)

23 नवम्बर 2015
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जब उसने मुझे भइया कहा ( हास्य कविता)

27 नवम्बर 2015
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मैंने ना जाने कितने सपने बुने सपने बुने फिर वे धुने किन्तु दिल का इकलौता अरमाँ आसुओं में बहा जब उसने मुझे देखते ही भइया कहा। होटल में गया वेटर को बुलवाया बिरयानी और न जाने क्या क्या मंगवाया किन्तु मेरा दिल वहाँ भी रोता ही रहा बिल चुकता करने के बाद  जब चिट पर लिख कर आय

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