चांद की सतह पर इसरो का विक्रम लैंडर पड़ा हुआ है. दो दिनों बाद चांद पर रात होने वाली है. 14 दिनों की रात. और इसके बाद चंद्रयान के विक्रम लैंडर से संपर्क नहीं साधा जा सकेगा.
लेकिन रात होने के पहले सभी लोगों की उम्मीदें अब इतनी हैं कि वे एक बार विक्रम लैंडर को देख लें. उस विक्रम लैंडर को जिससे संपर्क साधने में इसरो के बाद अब नासा भी लगा हुआ है. लेकिन शुरुआती प्रयास में नासा को भी असफलता ही हाथ लगी है.
NASA के LRO यानी ऑर्बिटर चांद के चक्कर काट रहा है. दो दिनों पहले LRO चांद के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा. इस ध्रुव पर ही विक्रम लैंडर की लैंडिंग तय होनी थी, लेकिन लैंडिंग से ठीक पहले संपर्क टूट गया. लेकिन LRO भी चांद पर लैंडर को नहीं खोज सका. अपने एक बयान में नासा के जनसंपर्क अधिकारी ने कहा है कि LRO के Field of View – यानी उस फैलाव में जिसमें कोई यंत्र देख सकता है – में विक्रम लैंडर नहीं दिखा.
Hindustan Times से ईमेल से हुई बातचीत में NASA के जनसंपर्क अधिकारी ने लिखा है,
“The Lunar Reconnaissance Orbiter Camera (LRO C) acquired images around the targeted landing site, but the exact location of the lander was not known so the lander may not be in the camera field of view.”
मतलब ठीक वही जो हमने आपको बताया है.
उन्होंने ये भी कहा कि ध्रुव के पास धीरे-धीरे अन्धेरा आ रहा है. इस अंधेरे की वजह से बहुत बड़ी-बड़ी परछाईयां बन गयी हैं. बहुत हद तक संभव है कि लैंडर उस परछाई के घेरे में आ गया हो.
दो दिनों पहले भी इसरो ने ऐसा ट्वीट किया था, जिसके बाद लोगों ने ये कयास लगाने शुरू कर दिए, जिससे ये लगने लगा कि अब इसरो ने भी हार मान ली. इसरो ने कहा कि हम सभी के शुक्रगुज़ार हैं कि लोग इसरो के साथ खड़े रहे. वे लोगों के साथ से आगे भी नए काम करते रहेंगे.