हिंदी काव्य और गद्य लेखन में रुचि
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मृगतृष्णाआज आफिस के बाद क्या कर रहे हैं मिस्टर रविन्द्र.. क्या हमारे साथ लांग ड्राइव पर चलना पसंद करेंगे .. आकांक्षा अपने केबिन से बाहर निकलते हुए रविन्द्र से कहा।नहीं मेडम आज कल प्रोजेक्ट का प्रजेंटे
नमन कलम रथ परिवारदिनांक 23/08/22विषय गगन/आसमानविधा कवितायह जो आसमान मेरे हिस्से का है मुझे दे दोतुम्हारे ख्वाब तुम्हारी कोशिशें तुम्हारे ही लिएमेरे हिस्से का दर्द जख्मी टीस सब मुझे दे दोउसकी ऊंचाई छून
यह जो आसमान मेरे हिस्से का है मुझे दे दोतुम्हारे ख्वाब तुम्हारी कोशिशें तुम्हारे ही लिएमेरे हिस्से का दर्द जख्मी टीस सब मुझे दे दोउसकी ऊंचाई छूने का इरादा तुम मुझसे ले लो।।खामखां मैं परेशान रहूं कुछ क
ॐ ब्रह्माण्ड व उसमें तुम ही तुमसृष्टि सृजन प्रलय व समाप्त होहरि तुम आदि अनंत अदृश्य होपरंतु तुम सबके ह्रदय में व्याप्त हो।।तुम सचराचर के स्वामी होपरंतु भक्तों के दीनबंधु दीनानाथ होतुम अगम अगोचर निराका
हे माधव तुम कौन होद्वापर युग के महान प्रणेताकान्हा बाल गोविंद कन्हैयाकृष्ण मुरली मनोहर माखन चोरताथा थैय्या नाचते गोविंदाकांधे लकुटिया माथे मुकुट पंखे मोरअघासुर वकासुर पूतना सकटासुरकालिया दहन मान मर्दन
विधा -कविताशीर्षक-नाजुक हालातयह रुद्र का त्रिनेत्र खुला या रक्त तांडव काया कुरु पांडव समरांगन है कुरूक्षेत्र काशवों से घिरी धरा पर धधकती है चिताएंक्या आजअंतिम प्रहर है कलयुग शेष का ।।बहती जाती है निरं
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<div><span style="font-size: 16px;">जिंदगी का फलसफा</span></div><div><span style="font-size: 16px;">
<div><span style="font-size: 16px;"><b>कुछ भी कहो </b></span></div><div><span style="font-size:
<div><br></div><div><span style="font-size: 16px;">दिनांक- 23/11/21</span></div><div><span style="fo