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नारीशक्ति का दुरुपयोग

20 सितम्बर 2022

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"आज़ाद आईना"अंजनी कुमार आज़ाद

"आज़ाद आईना"अंजनी कुमार आज़ाद

वाह..उचित,सार्थक और यथार्थ परामर्श देती बहुत सुंदर,शानदार उत्कृष्ट अभिव्यक्ति आपकी👌👌👌👌👌💐💐

20 सितम्बर 2022

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत बढ़िया मैम

20 सितम्बर 2022

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

बहुत बेहतरीन लिखा है 👌👌

20 सितम्बर 2022

Sanju Nishad

Sanju Nishad

बेहतरीन लेख प्रस्तुति 💐💐💐

20 सितम्बर 2022

ऋतेश आर्यन

ऋतेश आर्यन

बहुत सुंदर काव्या जी ! इस टॉपिक के साथ आपने बहुत हद तक न्याय किया है । नारी शक्ति के दुरुपयोग का शीर्षक वैसे तो व्यापक विमर्श की मांग करता है , जैसे कि नारी रूपी शक्ति का सकारात्मक उपयोग परिवार,समाज और समस्त सृष्टि के हित में कैसे किया जा सकता है । जिसमें हम निश्चय ही पीछे रहे हैं । आधुनिकता के नाम पर नारी को सिर्फ भोग की वस्तु बताकर और दिखाकर उसे विज्ञापनों में निर्वस्त्र दिखाने की परम्परा सी बन गयी है । जिसे निश्चय ही बदला जाना चाहिए , नारी रचनात्मकता और प्रबंधन का पर्याय रही हैं । अभी आपने ही अपनी बहुमुखी प्रतिभा से परिचय कितने सुंदर तरीके से कराया । आवश्यकता नारी के शक्ति के रूप में इसी के बेहतर दोहन की है । जिसमें सभी का कल्याण छिपा है और एक सुंदर दुनिया के निर्माण का बीज भी इसी में हैं । दूसरा पहलू है इस नारीवादी आंदोलन के अतिवादी स्वरूप का जिसका वर्णन आपने बहुत बखूबी से किया है । ये किसी भी समन्वयवादी आंदोलन का एक ड्रा बैक तो है ही कि अच्छे उद्देश्यों में कुछ लोग अपने स्वार्थ की रोटियां सेंकने लगते हैं । लेकिन स्त्री समानता के पावन कार्य में ऐसी चीजों का निरीक्षण ही किया जा सकता है और ये प्रयास किया जा सकता है कि दुरुपयोग करने वाले ऐसे लोगों और ऐसी प्रवृत्तियों पर वो अपने अंतर्मन से लगाम लगाएं , ऐसी पहलों के लिए आप जैसी नारी शक्तियों के प्रयास सराहनीय है । आपकी ये आज की पहल उसी की बानगी है । साधुवाद आपको ! इधर थोड़ी व्यस्तता है सोचा आज की बात यही संक्षेप में कह लूं , धन्यवाद 🙏😊

20 सितम्बर 2022

काव्या सोनी

काव्या सोनी

20 सितम्बर 2022

बहुत बहुत आभार ऋतैश जी आपका बहुत ही संजीदगी से आपने समीक्षा और आपके विचार मेरे लेख पर बताए बहुत अच्छा लगा मुझे दिल से शुक्रिया आपका 🥰

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

बहुत शानदार लिखा काव्या😊

20 सितम्बर 2022

मन्नत

मन्नत

अच्छा लिखा आपने काव्या जी

20 सितम्बर 2022

20 सितम्बर 2022

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रचनाएँ
आखिर क्यों
5.0
आखिर क्यों ऐसा होता देख ये मंजर क्या दिल न तुम्हारा रोता पर बन चुकी है ये जीवन की सच्चाई मर चुकी इंसानियत दफन हुई कही अच्छाई
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ये कैसा प्रेम है

7 सितम्बर 2022
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प्रेम, इश्क ,मुहब्बत और प्यारक्या है शब्दों के सच्चे मायने किसी ने समझने की कोशिश की क्या आज भी इसके मायने राधाकृष्ण के प्रेम सा है?

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एक बेटी नहीं अभिशाप

7 सितम्बर 2022
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एक बेटी का जन्म क्यों अभिशाप माना जाता है और बेटे का जन्म वरदान। ये कैसी सोच , ये कैसी मानसिकता? क्यों बेटी के जन्म से निराशा का मोहौल हो जाता है?क्या बेटी को इस संसार का सुख पाने का अधिकार नही ह

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नर्क सा जीवन क्यों नारी का

7 सितम्बर 2022
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नारी का हमारे समाज में सबसे महत्वपूर्ण स्थान है,क्योंकि उसके बिना कोई भी पुरुष पूर्ण नहीं है। पुरुष का जन्म भी नारी से ही संभव है। नारी को देवी का स्थान मिला है। &nbs

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आखिर क्यों होता है ये पाप

7 सितम्बर 2022
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जन्म से पहले ही मार दी जाती है, आखिर है उसका कसूर। वो खुशियों की लहर, वो जीवन का है नूर शदियों से देखा जाता है । बेटों की चाह में या तो कन्या भ्रूण हत्या करते है या जन्म लेते ही लड़कियों को मार द

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नारी और शिक्षा

7 सितम्बर 2022
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शिक्षा पर स्त्री पुरुष का सामान अधिकार है, पर अक्सर देखा गया है कि स्त्रियां अधिकतर शिक्षा से वंचित है। उन्हें शिक्षा का अधिकार नहीं मिला।शहरों में तो आज के समय शिक्षा प्रणाली में काफी सुधार आए है। ले

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आटा साटा एक प्रथा या कुप्रथा

7 सितम्बर 2022
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आटा साटा समाज की बहुत पुराने समय से चली आ रही एक प्रथा है। जो रिश्तों को बेहतर और मजबूत बनाने और प्रेम संबंध कायम रखने के लिए बनाई गई थी। पर धीरे ध

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बाल विवाह एक कुप्रथा

7 सितम्बर 2022
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हमारे देश में जाने कितनी ही कुप्रथा का चलन है। जिनमें से एक है बाल विवाह बाल विवाह की कुप्रथा वो भयानक लहर है। जिसमे किसी मासूम का बचपन बह जाता है। बाल विवाह से बच्चों की मासूमियत छिन जाती है।हमारे दे

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मोलक्की प्रथा

8 सितम्बर 2022
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मोलक्की ये एक ऐसी प्रथा है ,जिसमें पैसे देकर लड़कियों को खरीदा और बेचा जाता है । इस प्रथा का चलन उत्तर भारत में ज्यादा है। हरियाणा में ये प्रथा काफी प्रचलित है।किसी प्रथा के आड़ में लड़की खरीदना और बे

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ये कैसी रीत

9 सितम्बर 2022
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पुराने समय से विधवा जीवन एक अभिशाप से कम नही है। पति की मृत्यु के बाद एक स्त्री का जीवन। नर्क समान है। उससे न सिर्फ सौभाग्य की निशानियां छिन्न जाती है बल्कि कष्टदाई जीवन जीने को मजबूर हो जाती है। पूर्

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घरेलू हिंसा एक अपराध

13 सितम्बर 2022
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घरेलू हिंसा अब इस पर लोगों की मानसिकता के बारे में क्या ही कहे ।एक औरत किस किस तरह इस हिंसा का शिकार होती है, कभी दहेज़ के नाम पर कभी अपनी मर्जी की जिंदगी के ख़्वाब सजाने पर भी पर आज मै तुमसे एक पुरुष

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घूंघट एक प्रथा या कुप्रथा

15 सितम्बर 2022
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गौर किया जाए तो आप देखेंगे कि पहले हमारे देश में घूंघट की प्रथा नही थी। ये पर्दा प्रथा भारत में मुस्लिम समुदाय को देन है। जब मध्यकाल में मुगल द्वारा आक्रमण होने लगे और तब हिंदू स्त्रीयों ने अपना मान औ

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क्यों एक औरत ही दूसरी औरत की दुश्मन

16 सितम्बर 2022
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एक औरत ही दूसरी औरत की दुश्मन होती है। ऐसा अक्सर सुनते आए है। पुरुष प्रधान समाज तो औरत के विकास क्षेत्र से पीछे खींचने के हर संभव प्रयास करते है। पर एक औरत भी दूसरी औरत के साथ ये अन्याय करती है।

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आखिर क्यों

19 सितम्बर 2022
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कोई भी शख़्स की मर्ज़ी के बग़ैर उसके साथ जिस्मानी रिश्ता कायम करना बलात्कार ही है। चाहे फिर ये किसी अनजान के साथ या फिर अपनी पत्नी के साथ किया गया हो। ऐसी घिनौनी हरकत

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नारीशक्ति का दुरुपयोग

20 सितम्बर 2022
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नारीशक्ति का दुरुपयोगऔरतों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के कुछ नियम कानून जारी किए गए है। बेशक समाज का निर्माण नारीशक्ति से हुआ है, नारी पुरुष जीवनदायनी है।तो नारी सुरक्षा का ख्याल र

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