रावण बनना भी कहां आसान...रावण में अहंकार था तो पश्चाताप भी था...रावण में वासना थी तो संयम भी था...रावण में सीता के अपहरण की ताकत थीतो बिना सहमति परस्त्री को स्पर्श न करने का संकल्प भी था...सीता जीवित
एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी. उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद उस आदमी ने औरत से पूछा कि आप मुझे
एक नारी ने किया आधुनिक द्युशासन बनकर नारी का चिर हरण,देखा हमने मर्द को छोड़ो नारी को ही नारी की गरिमा को कुचल।।
डियर दिलरुबा दिनांक-20/9/22 दिन-मंगलवार 📚📚कैसी हो माय डियर दिलरुबा,,,, बारिश का तो आज भी वही हाल है लेकिन कुल मिलाकर मौसम बड़ा लाजवाब हो रहा है,,,,, वैसे भी देहरादून के मौसम से हमें कभी कोई शिकायत
समाज में प्रत्येक वर्ग को आगे बढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। नारी सषक्तिकरण महिलाओं के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। आज जहां सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु दुनियां भर में महिलाओं को दोयम दर्जा प्राप्त है। कई
मनुष्य की जिंदगी में नारी का बहुत ही बडा योगदान है। नारी के बिना इस दुनिया में गृहस्थी रूपी गाड़ी नहीं चल सकती है।"नर और नारी गृहस्थी रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं जिनमें से एक अलग हो जाते तो गृहस्थी की ग
नारी का शोषण करने को,जो दानव दुनिया में घूम रहे।जो धन के लालची बनकर के,नारी का खून है चूस रहे हैं।।शिक्षा से वंचित रखने की,जो हीन भावना रखते हैं।लड़की की हत्या करने की ओछी मानसिकता रखते हैं।।वे सजा के
यह तो पूरी दुनिया जानती है की नारी देवी का अवतार व देवी की तरह ही पूजनीय होती है | किन्तु क्या आज के समय में वाकई में ऐसा है या हो रहा है | तो जवाब है नही वो इसलिये की आज के समय में "इंसान ही इंसान का
मनाव जीवन जो आज हम सभी लोग जी रहे है वो केवल महिलाओ या नारी के कारण ही संभव हो पाया है। नारी ही है जो अपने बच्चे को नौ महीने तक अपने पेट में रख कर उसे जन्म देती है। एक औरत कितने रिश्तों मे
20/9/2022प्रिय डायरी, आज का शीर्षक है नारी शक्ति का दुरुपयोग,नारी उस वृक्ष की भांति है जो विषम परिस्थितियों में भी तटस्थ रहते हुए राहगीरों क
नारी शक्ति का करो सम्मान , नारी को ऐसे धूतकारो ना तुम , तुम भी जन्मे एक नारी से , नारी की एहमियत मानो तुम ।जब तक नारी का सम्मान नहीं , तब तक हम आजाद नहीं , नारी भोग , विलासी ह
नारीशक्ति का दुरुपयोगऔरतों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के कुछ नियम कानून जारी किए गए है। बेशक समाज का निर्माण नारीशक्ति से हुआ है, नारी पुरुष जीवनदायनी है।तो नारी सुरक्षा का ख्याल र
हैलो सखी।कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोल
कहाँ रहे वो पुरुष संत सरीखे,कहाँ उनका वो साधु ह्रदय !कहाँ आँखों में निश्छलता वो ,कहाँ सद्पथ पर उनकी सुर लय!!शुचिता से कोसों दूर ,'नूतन' वे नर तो हुए कपूर ,नर आज के तो अत्याचारी हैं ,काम वासना में तप्त
माल !! ******* बाँझपन रूपी विपत्ति को, मात देकर,नारियों ने, नरों को, अपने नर्क से निकाला है ! जिन्होंने, अनगिनत नरों को, संसार रूपी कम्प्यूटर में, साफ्टवेयर सा डाला है !! अनगिनत नरों ने, नारियों से ज़ि